बाल कविता

आओ मिलकर योग करें

आओ अपने तन मन से,
दूर सभी हम रोग करें ।
आओ मिलकर योग करें,
स्वास्थ्य हमारा अच्छा हो,
तो सारा सब कुछ है अच्छा,
रोग ग्रसित अब नहीं रहेगा,
भारत का एक भी बच्चा ।
सूर्य उदय से पहले उठ कर,
करते हैं जो  समय से काम ,
सदा निरोगी काया हो तो ,
समझो जीवन है सुखधाम
आलस्य कभी न छू पाये,
मेहनत हम सब लोग करें,
आओ मिलकर योग करें,
हम सब मिलकर योग करें।
सांसो का भरना निकालना
ये तो प्राणायाम हुआ ,
अपने दिलो दिमाग़ का भाई,
अच्छा ये व्यायाम हुआ ।
सभी शक्तियों का ये तन है,
सुंदर एक ख़ज़ाना है,
योग को अपनाकर ही तो,
सक्रिय इन्हें बनाना है।
ईश्वर की इस नेयमत का,
हम सारे उपयोग करें,
आओ मिलकर योग करें,
हम सब मिलकर योग करें।
— आसिया फ़ारूकी

*आसिया फ़ारूक़ी

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका, पी एस अस्ती, फतेहपुर उ.प्र