कविता

हिंदी भाषा

हिंदी भाषा हमारी मधुर मोहक है
सबके दिलों को छू जाती
आसानी से बोली और
सबको सरलता से समझ आती है।
हिंदी की सहज अभिव्यक्ति
बहुत ही आसान है,
न कोई कठिनाई न ही बाधा
पढ़ा लिखा हो कोई कम या ज्यादा।
हिंदी दिल में उतरकर
घर कर जाती है,
कम शब्दों में भी
काफी कुछ कह जाती है,
अपना मंतव्य समझा देती है,
प्रकांड पंडित या हिंदी का पुरोधा
या फिर अनपढ़ इंसान
हिंदी सबको मिला देती है
सामने वाले की बात  सहजता से
सबके समझ में आ जाती है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921