कविता

प्रेरणा

ये छोटी सी मुस्कुराहट तुम्हारी,
जो हर दम होठों पर है छायी हुई,
मदहोश मुझे कर देती है ,
भर उमंग दिल में मेरे,
हर दम प्रेरणा मुझको देती है,
जीने को खुश रंग जिंदगी ।
देखती हूँ जब जिंदगी के उतार चढ़ाव,
कोई हँसता है कोई रोता है,
कलम मेरी दे प्रेरणा कहती है ,
ले लो मुझको हाथों में,
जो भी विचार आ रहे दिल में,
लिख डालो कोरे पन्नों में।
प्रकृति का अतुल सौंदर्य,
विचारों में तरलता लाता है,
ऊँचा खड़ा हिमालय देखो,
कभी न झुकने की प्रेरणा देता है।
हर दम बहती गंगा की धारा,
बिना रुके बिना थके
आगे चलने को प्रेरित करती है।
देखती हूँ  जब जुगनू को,
टिम टिमाकर आकर्षित करता है,
खुद जल कर दूसरों का जीवन,
रोशन करने की प्रेरणा देता है।
ये धरती अम्बर का प्रेम,
कह इश्क नहीं पाने का नाम,
सच्चे प्रेम को प्रेरित करते हैं।
दादी से सुनी जातक कहानियां,
मुझको प्रेरणा देती हैं,
जीवन के हर पहलुओं को,
कहानी से जोड़ा करती हैं।
इठलाती हवा में उड़ती पतंग,
बाधाओं को पार कर,
लक्ष्य हासिल करने को प्ररित करती है।
जाने अनजाने कितनी ही चीजें,
मुझे रात दिन प्रेरणा देती हैं,
कुछ जहन में उतर जाती हैं,
कुछ आँखों से ओझल हो जाती हैं,
थाम उम्मीद का दामन,
पग आगे रखने को हर दम प्रेरित करती हैं।
— श्वेता दूहन देशवाल

श्वेता दूहन देशवाल

मुरादाबाद उत्तर प्रदेश 8909560121