कविता

अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि 

1929 में जन्मी,
मां सरस्वती का वास जिनके गले में था,
 अपने गीतों की धूम मचा कर
 देश विदेशों में नाम कमाया अपने गीतों से आपने,
 अपने सबके दिल को बहलाया,
 गम होगा तो मेरे दिल में,
 आप के गाने सुन लेते थे,
स्वर कोकिला का खिताब पाया,
 सब के दिलों पर राज करती,
 सब आपको बहुत प्यार करते हैं,
 आज सबकी आंखें नम है,
 आप हमको छोड़ गई,
 दीदी आपका यू जाना,
 हम सबको रुला गया,
 यही दुआ हम करते हैं,
 आपको भगवान के चरणों में जगह मिले,
 भगवान भी आप के गानों का रसास्वादन अब करें,
 आपकी चरणों में शत शत नमन।।
 अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384