कविता

मातृभूमि

हर जन्म में हिन्दू बनूँ मैं
माँ की गोद हो हिन्दुस्तान
माँ भारती की आँचल में
पल बढ़ कर बनूँ महान

गंगा यमुना की पावन धारा
युगों युगों से बहती आई है
सागर की ये चंचल लहरें
हिन्द की संस्कृति जगाई है

हिमालय खड़ा है मष्तक पर
लेकर हिन्द का स्वाभिमान
कन्याकुमारी तक फैला है
मेरा पावन हिन्दूस्तान

गौरवशाली इतिहास लिखें हैं
देश के कई विद्वानों ने
संस्कार का दपर्ण दिखता है
हर एक भारत वासी में

इनकी गाथा विश्व में गुँजे
जब जब शिवाजी जन्म लिया
माँ भारती की आँचल में
लक्ष्मीबाई ने शहादत पाया

देव की भूमि सदा है पावन
जहाँ प्रभु ने जन्म लिया
अन्यायी को सबक सिखाने
और पापी का प्रतिकार किया

उस महान धरती को नमन है
जिन पर हमने जन्म लिया
ये हमारी मातृभूमि है
जिसने जग में गर्व दिया

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088