मुक्तक/दोहा

मुक्तक

धन वैभव ऐश्वर्य भरा हो, खुशियों की बरसातें हों
दिन हो सुनहरी धूप दमकती, और चाँदनी रातें हों
होली का त्यौहार मुबारक, यही कामना है मन में
रंगों की वर्षा हो दिन भर, अपनों से मुलाकातें हों

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।