स्वास्थ्य

आँखें ठीक करने और चश्मा उतारने का रामवाण उपाय : त्राटक

आँखों का कमजोर होना एक आम शिकायत है। आजकल बहुत छोटे-छोटे बच्चों की आँखों पर भी चश्मा चढ़ा हुआ दिखायी देता है। देर तक टीवी देखना, कम्प्यूटर पर गेम खेलना और फास्ट फूड खाना इसके प्रमुख कारण हैं। आँखें ठीक करने के लिए आँखों के विशेष व्यायाम दिन में कम से कम एक बार नियमित रूप से करने चाहिए, जो नीचे बताये गये हैं।

आंखों के व्यायाम-
(1) आंखों की पुतलियों को दायें से बायें और बायें से दायें धीरे-धीरे 10-10 बार ले जाइए।
(2) इसी तरह ऊपर-नीचे 10-10 बार कीजिए।
(3) ऊपर-दायें-नीचे-बायें इस प्रकार 10 बार घुमाइए। इसी प्रकार 10 बार उल्टी दिशा में घुमाइए।
(4) पुतलियों को गोलाई में घड़ी की सुई की दिशा में 10 बार और उसकी उल्टी दिशा में 10 बार घुमाइए।
(5) पहले सामने किसी दूर की चीज को देखिए, फिर उसी रेखा में पास की चीज को देखिए। इस प्रकार 10-10 बार कीजिए।
(6) अन्त में दोनों हथेलियों को आपस में रगड़कर हलका गर्म कर लीजिए और आँखों को धीरे से दबाइए।

आंखों को धोना-
व्यायामों के साथ ही आँखों को दिन में तीन-चार बार ठंडे पानी से धोना चाहिए। ठंडा पानी आँखों के लिए अमृत के समान है। आंखों को धोने के लिए एक विशेष प्रकार का छोटा सा ‘आई वाश कप’ आता है, जो मेडीकल की बड़ी दुकानों पर मिल जाता है। यह शराब के गिलास की आकृति का होता है। उसमें खूब ठंडा पानी भरकर एक आंख को उस पर जमाकर रखिए और फिर कप उसी तरह लगाये हुए सिर को पीछे की तरफ उल्टा कर दीजिए। इससे आंख पानी में डूब जाएगी। अब पलकों को झपकाइए। लगभग एक मिनट तक ऐसा कीजिए। फिर उस पानी को फेंककर फिर से पानी भरकर दूसरी आंख को भी धो लीजिए। यदि आई वाश कप न मिले, तो आप अपने एक हाथ की अंजुली में ठंडा पानी भरकर उसमें आंख को डुबोकर भी धो सकते हैं।

त्राटक-
आँखों की कमजोरी दूर करने और चश्मा उतारने के लिए त्राटक की क्रिया रामवाण है। यह बहुत सरल है। इसकी विधि यह है कि किसी साफ सफेद कागज पर कमीज के बटन के बराबर वृत्त बनाकर उसमें काला रंग भर लें। ऐसा बिन्दु काले स्केच पेन से भी बनाया जा सकता है। अब उस कागज को किसी साफ दीवार पर इतनी ऊँचाई पर चिपकायें कि जमीन या कुर्सी पर बैठने पर काला बिन्दु आँखों के ठीक सामने आये।

अब किसी सुविधाजनक आसन पर दीवार से लगभग 5 फीट दूर बैठकर बिना पलक झपकाये इस काले बिन्दु को लगातार टकटकी लगाकर देखिए। आँखें थक जाने पर या उनमें पानी आ जाने पर आँखें बन्द कर लीजिए। प्रारम्भ में आँखें जल्दी थक जायेंगी, लेकिन अभ्यास बढ़ाने पर 5-10 मिनट में भी नहीं थकेंगी। यह क्रिया प्रतिदिन एक या दो बार करनी चाहिए। इससे आँखें ठीक होती हैं और एक-दो माह में नजर का चश्मा भी छूट जाता है। त्राटक से पहले और बाद में आँखों को ठंडे पानी से धो लेना और भी अच्छा रहता है।

मैंने अनुभव किया है कि निरंतर 15 दिन लगातार सुबह-शाम त्राटक करने से चश्मे का नम्बर 0.5 तक कम हो जाता है। इस तरह यदि आपके चश्मे का नम्बर 2 है अर्थात् +2 या -2, तो केवल दो महीने में वह छूट जाएगा। हर 15 दिन बाद आपको कम नम्बर का चश्मा लगाने की आवश्यकता हो सकती है।

आंखें प्रायः विटामिन ए की कमी के कारण भी कमजोर हो जाती हैं। इसलिए विटामिन ए की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ, जैसे- गाय का दूध, गाजर, पालक आदि का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए।

— डॉ. विजय कुमार सिंघल

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com