गीत/नवगीत

बेटी की फ़रियाद पिता से

वो है बरगद की छाया सी
लगती ईश्वर की माया सी
हर कदम तुम्हारे साथ चले
जैसे चंदा सँग रात चले
जीवन की ढलती बेला में यादों के कुछ लम्हे बुन लो
पापा मम्मी का दिल रख लो पापा उनके दिल की सुन लो,

जीवन साथी बनकर जब से
रखे है कदम घर आँगन में
हर वचन निभातीं आयीं है
ज्यों जनक सुता थी कानन में
ना बनो राम फिर कलयुग में कुछ उनके भी हक़ में लड़ लो
पापा मम्मी का दिल रख लो पापा उनके दिल की सुन लो,

दुख की घड़ियों में जीवन भर
ना साथ आपका छोड़ा था
वो मम्मी ही तो थी पापा
जिसने मुँह कभी न मोड़ा था
अब आपकी बारी आयी है कुछ उनके भी तो सँग चल लो
पापा मम्मी का दिल रख लो पापा उनके दिल की सुन लो,

जीवन विपदा से भरा रहा
वो चट्टानों सी अडिग रहीं
सबके आँसू पोछे हरपल
अपने मन की ना कभी कही
पूरे कर दो उनके सपने जीवन में कुछ ख़ुशियाँ भर लो
पापा मम्मी का दिल रख लो पापा उनके दिल की सुन लो॥

— अनामिका लेखिका

अनामिका लेखिका

जन्मतिथि - 19/12/81, शिक्षा - हिंदी से स्नातक, निवास स्थान - जिला बुलंदशहर ( उत्तर प्रदेश), लेखन विधा - कविता, गीत, लेख, साहित्यिक यात्रा - नवोदित रचनाकार, प्रकाशित - युग जागरण,चॉइस टाइम आदि दैनिक पत्रो में प्रकाशित अनेक कविताएं, और लॉक डाउन से संबंधित लेख, और नवतरंग और शालिनी ऑनलाइन पत्रिका में प्रकाशित कविताएं। अपनी ही कविताओं का नियमित काव्यपाठ अपने यूटयूब चैनल अनामिका के सुर पर।, ईमेल - anamikalekhika@gmail.com