गीतिका/ग़ज़ल

वो ख्यालात मोहब्बत के

तेरे तसव्वुर ए ख्यालात में अकसर दिल खोता है
एसा लगे चांदनी रात में चांद चांदनी संग होता है।।
ख्वाबों ख्यालों में गुलज़ार सी तू लगती मुझको
तुझे जी भर के मैं देखूं यही एहसास दिल में होता है ।।
तेरे सुर्ख लबों कि लाली जब मेरे होठों को छुए
ख्यालों में ही सही पर दिल मेरा गुले गुलज़ार होता है।।
वो तेरा सिमट मेरी बांहों में अपना चेहरा छुपाना
तेरे चेहरे के कातिल तील पर दिल  बाग-बाग होता है।।
यूं कज़्जरारी आंखों में मुझे देख तेरा पलकें झुकाना
तेरी झुके चेहरे को उठा लबों का टकराना बहार होता है।।
आज ख्यालो में ही सही तू मेरी जिंदगी है कहलाती
देख आंखों में गौर से मेरी तेरी तस्वीर का दीदार होता है।।
क्या उसे भी मेरी तरह मेरा ख्यालों आता होगा
क्या मेरी तरह उसका दिल भी बैचेन बेकरार होता है।।
तेरे तसव्वुर ए ख्यालात में अकसर दिल खोता है
एसा लगे चांदनी रात में चांद चांदनी संग होता है।।2।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित