कविता

कुदरत ने कहा.

कुदरत ने कहा…
रात नीले आसमान ने मुस्कुराकर कहा
कितना निर्मल हो गया हूं मैं
आदमी ने मुझे धूल धुएं से
इतना कुरूप कर दिया था कि
मुझसे ही मेरा असली चेहरा
पहचाना नहीं जाता था ।
मेरी गोद में टिमटिमाते सितारे
न जाने कहां खो गए थे
बरसों हो गए थे इन्हें धरती को देखे हुए
धुंध की बदरंग चादर इन्हें धरती को
देखने ही नहीं देती थी ।
आज बरसों बाद इन्होंने फिर
धरती को निहारा है
और धरती ने मेरे आंचल में सजे संवरे
चांद सितारों को  दूर से ही सही
आशीष दी है ।
मेरे विस्तृत आंचल को नीलिमा ओढ़े हुए
यूं लगता है जैसे
कोई नवयौवनाश्रृंगार करके
बालकनी में आ खड़ी हुई हो
अपने आंगन से सारा कूड़ा कचरा
आज बुहारा है
खुद को संवारा है निखारा है ।
चिड़ियों की चुलबुल बरसों से जो
कोलाहल के बीच दब सी गई थी
आज फिर चुलबुल से
टहनियां चहकने लगी है , महकने लगी है ।
फिर कह रही हूं आदमी को
दुनिया को जीत लेने की जिद्द का
परिणाम देखा तुम ने
भस्मासुर ने किस तरह नाच नचाया है ।
त्रासदी की यह तस्वीर सदी की
कितनी भयानक तस्वीर है
कितना बेबस है आदमी  आज
कल तक जो बात बात पर
अपने शस्त्रों अस्त्रों को गिना कर डरावने
सपने दिखाता था
खुद कितना सहमा सहमा सा है।
यह सिर्फ चेतावनी है आदमी  सुन तेरे लिए
संभल जाने का एक और अवसर वरना
भस्मासुर पैदा करेगा तो
विनाश करने के लिए वो तेरे ही
पीछे दौड़ेगा
जैसे आज दौड़ रहा है ।।
— अशोक दर्द

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- ashokdard23@gmail.com