कविता

प्यारे पापा

बचपन जिनकी गोद में बीता वो थे मेरे प्यारे पापा
उनका हाथ थाम कर सीखा वो थे मेरे प्यारे पापा
पढ़ाई लिखाई में हमेशा मदद करते वो थे मेरे प्यारे पापा
मुझको निडर बनाने में मेनहत करते वो थे मेरे प्यारे पापा
जब भी मन होता मेरा उदास प्यार से समझाया करते है
किसी भी हाल में रहो खुश हमेशा रहना है
जीना है दूसरों के लिए अपने लिये तो सब जीते है
धर्म ,संस्कृति का पाठ सिखाया सही मार्ग पर चलना  है
आँखों से समझ जाया करते जब हम कुछ सोचते
सबकी जरूरत पूरी करते अपने बारें में न सोचते
सत्य की राह पर चलना बता गए खुद भी उसी राह पर चले हमेशा
आज वो हमारे साथ नहीँ है उनके दिए संस्कारों हमारे पास है
अगले जन्म मिले जहां भी आपकी ही गोद मिले
आप का ही नाम और हमें प्यार मिले
मेरे प्यारे पापा दुनियाँ के सबसे अच्छे पापा
आप हमेशा हमारी यादों में रहोगे
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश