कविता

रंग आंसुओं के

रंग कैसे पहचानें आंसुओं के
कभी खुशी आंसू  सतरंग के
और कभी वही काले गम के
कभी ये होते हैं अति दया के
और कभी बस यूंही मन के
कभी तो ये हैं अकेलेपन के
हैं ये कभी दुखी बिरहन के
कभी बह निकलते हैं छन के
रुग्ण आंसू  होते हैं रोगी के
भाव अपने बताते हैं आंसू सभी के
लाख छुपाएं फिर भी ये हैं छलकते
— जयश्री बिरमी

जयश्री बिर्मी

अहमदाबाद से, निवृत्त उच्च माध्यमिक शिक्षिका। कुछ महीनों से लेखन कार्य शुरू किया हैं।फूड एंड न्यूट्रीशन के बारे में लिखने में ज्यादा महारत है।