कविता

हिन्दू जागो और हिंदुत्व जगाओ

हिन्दू  जागो और  हिंदुत्व  जगाओ
सोया  हुआ  स्वाभिमान   जगाओ।
कब तक दुष्टता का  जहर पिओगे
खोया हुआ अब  सम्मान  जगाओ।

जनजन  जागो  हिन्दू  भाई  जागो
सनातन  धर्म का  झंडा  फहराओ।
कब तक  धर्म का अपमान  सहोगे
भरतवंश का अब यह देश बचाओ।

राष्ट्र-धर्म  का अब कर्तव्य  जगाओ
न्याय-धर्म का अब  हुँकार लगाओ।
कब  तक  अनीति  का  भेंट चढ़ोगे
पावन  मिट्टी  का उपकार चुकाओ।

शंख-नाद का  अब  हुंकार  लगाओ।
शिव-तांडव  का अब नर्तन दिखाओ
कब  तक  तुम  बहरे और गूंगे  रहोगे
दिव्य दृष्टि और दिव्य रूप दिखाओ।

इंसानियत की अब अस्मिता बचाओ
जाति  धर्म  का  अब दीवार गिराओ।
कब  तक  नफरतों  की  बलि  चढ़ोगे
दुष्ट-दानवों  की  अब  बलि  चढ़ाओ।

— अशोक पटेल “आशु”

*अशोक पटेल 'आशु'

व्याख्याता-हिंदी मेघा धमतरी (छ ग) M-9827874578