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भारत नाम और भारतीय भाषाओं को लेकर सत्याग्रह

‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ और ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ द्वारा 25 सितंबर 2022 रविवार को राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर-मंतर, नई दिल्ली पर निम्नलिखित मांगों को लेकर एक दिवसीय सत्याग्रह व राष्ट्रीय धरने का आयोजन किया गया है।

इस आयोजन में भारतीय भाषाओं के साथ-साथ भारत की विभिन्न सामाजिक – धार्मिक व विभिन्न व्यावसायों आदि से जुड़ी संस्थाएँ आदि राष्ट्रपति जुड़े तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाएंगी।

प्रमुख मांगे :-

1. हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाया जाए।
2. जनभाषा में न्याय की व्यवस्था की जाए।
3. संविधान से इंडिया नाम हटाया जाए।
4. भारतीय भाषाओं में शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था की जाए।

इस आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से भारत और भारतीय भाषाओं से जुड़े विभिन्न भाषा सेवी, साहित्यकार, मीडिया कर्मी, शिक्षाविद, अधिवक्तागण, शिक्षक गण, सामाजिक व धार्मिक संस्थाएँ, बुद्धिजीवी तथा देश प्रेमी भाग लेंगे।

आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार, भारतीय भाषाओं के संघर्ष के पुरोधा भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रताप वैदिक मुख्य मार्गदर्शक के रुप में आयोजन से जुड़े हुए हैं।

भारत और भारतीय भाषाओं के इस सत्याग्रह व धरनै के आयोजन में ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के संरक्षक और ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुंदरलाल बोथरा, ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के संस्थापक व निदेशक और ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ के राष्ट्रीय सचिव डॉ. मोतीलाल गुप्ता, जनता की आवाज फाउंडेशन के महासचिव, कृष्ण कुमार नारेडा सहित विभिन्न प्रदेशों में इन संस्थाओं तथा सहयोगी संस्थाओं के अनेक पदाधिकारी आयोजन की तैयारी में लगे हैं।

संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कान बिहारी अग्रवाल के अनुसार भारत के अतिरिक्त विभिन्न देशों में बसे हुए प्रवासी भारतीयों के संगठनों , साहित्य कर्मियों भाषा प्रेमियों तथा उनकी विभिन्न संस्थाओं का भी इसमें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में जाने-माने नेताओं अभिनेताओं कवियों आदि के उपस्थिति रहेंगे।

डॉ. एम.एल. गुप्ता 'आदित्य'

पूर्व उपनिदेशक (पश्चिम) भारत सरकार, गृह मंत्रालय, हिंदी शिक्षण योजना एवं केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण उप संस्थान, नवी मुंबई