बाल कविता

दशहरा

दशहरा

आज दशहरे की घड़ी आई
झूठ पर सच की जीत है आई।
रामचंद्र ने रावण मारा
तोड़ दिया अभिमानी का
अभिमान सारा।
एक बुराई रोज हटाओ
और दशहरा रोज मनाओ।
विजय सत्य की हुईं हमेशा
हारती सदा बुराई आई
जिसने भी अभिमान किया है
उसने हमेशा मुंह की खाई है ।

जामिनी संधू
दसवीं कक्षा की छात्रा
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक
गाहलिया
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

प्रेषित कर्ता
राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233