लघुकथा

जागरूकता

रेलवे प्लेटफार्म साफ सुथरा चमक रहा था ,सफाई कर्मचारी अभी अभी झाडू लगा कर गया था | एक बेंच पर एक नव विवाहित युगल दंपत्ति बैठा था | पुरुष ने अपने थैले से मूमफली से भरा एक  लिफाफा निकाला | मूमफली से दाने निकालकर प्यार से अपनी पत्नी को दिए | पर छिलके वहीँ प्लेटफार्म पर नीचे डाल दिए |

यह देखकर पास के ही बेंच पर बैठी 10 वर्षीया किशोरी पूर्वी ,जो उस दिन ही सफाई पर ‘मन की बात’ सुनकर आई थी , को बहुत बुरा लगा | वह बार बार पापा को कोहनी मारकर कहती ,” पापा उन्हें बोलो ना कि साफ प्लेटफार्म को गन्दा न करें |’

बेमतलब की कहा सुनी से बचने के लिए उसका पापा उसकी बात अनसुनी करता रहा | इस पर  पूर्वी ने अपने बिस्कुट के पैकिटों को पन्नी से निकालकर थेले में रखा | खाली पन्नी लेकर वह उस  युगल दंपत्ति के पास गई | प्लेटफार्म पर फैले छिलकों को उसने पन्नी में डाला और उसे पुरुष के हाथ में देकर कहा ,’ अंकल प्लीज़ , बाकी के छिलके भी इस पन्नी में ही डालकर ,सामने रखे कूड़ेदान में डालने की कृपा करें |’

पुरुष ने शर्मिंदा होकर पन्नी अपने हाथ में पकड़ ली |

— विष्णु सक्सेना

विष्णु सक्सेना

पिता - स्व ;महाशय विशम्बर दयाल माता -स्व ;श्रीमती कौशिल्या देवी जन्म -26 जनवरी 1941 ,दिल्ली शिक्षा -,डी एम् ई आनर्स रूडकी विश्वविद्यालय 1964 सम्प्रति -सेवा निवृत डिप्टी चीफ इंजिनियर एच एम् टी पिंजोर ; अब स्वतंत्र लेखन ; राज्य श्रेष्ठ कृति -बैंजनी हवाओं में [काव्य संग्रह ] भाषा विभाग हरियाणा द्वारा [1972] ;अक्षर हो पुरुस्कार तुम [खंड काव्य ] हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2014 ; पुरुस्कृत कहानियाँ -वापसी [1996] ,चमक आत्म सम्मान की [1997] ,मुक्ति एक बोन्जाई की [1999] तीनो कहानियां हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुस्कृत लघु शोध प्रबंध -विष्णु सक्सेना –व्यक्तित्व व कृतित्व [1998] कुसुम लता द्वारा :कहानीकार विष्णु सक्सेना [2004] अनीता नयन द्वारा : अक्षर हो तुम में मानव मूल्य [2017] कृषण चंदर द्वारा ; सभी कुरुषेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से एम् फिल के लिए स्वीकृत सम्मान -राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान [2000] मानव संसाधन मंत्रालय नई दिल्ली : व अन्य सम्पादन -कलादीप [लघु पत्रिका ]1973 से 1975 तक :चित्रांश उदगार [एकता अंक ]सितम्बर 1997 मौलिक कृतियाँ -काव्य संग्रह –बैंजनी हवाओं में 1976, गुलाब कारखानों में बनते हैं 1995,धूप में बैठी लड़की 2010 .सिरहन सांसों की 2013 :खंड काव्य –अक्षर हो तुम 2013 ,सुनो राधिके सुनो 2021 : कहानी संग्रह _बड़े भाई 1995 ,वापसी 2003 : लघु कथा संग्रह _एक कतरा सच 2018 सम्पर्क -एस जे 41 , शास्त्री नगर ,गाज़ियाबाद 201002 उ प्र : मो - 9896888017 ई मेल -vishnusaxena26@yahoo.com