कहानी

कहानी – गंगा घाट

रेनू और राज की शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी उनकी किस्मत में संतान सुख नहीं था. वो दोनों जब भी उदास होते तो गंगा घाट पर बने मंदिर में जाते थे .
एक दिन दोनों गंगाघाट से लौट रहे थे तभी उनको किसी बच्ची की रोने की आवाज आई जिसे देखकर वह दौड़ लगाकर उस बच्ची के पास पहुँचे. तभी रेनू ने उस बच्ची को गोद में ले लिया और राज से बोली “पता नहीं किसकी बेटी है कौन इसके माता पिता है जो इसको गंगा घाट पर छोड़कर चले गए यह सुन राज बोला ” हमें पुलिस को खबर करनी चाहिए जिससे इसके माता पिता को वो खोज सके ” यह सोचकर दोनों पुलिस स्टेशन गए. वह बच्ची भूखी भी थी भूख के कारण वो जोर जोर से रोने लगी.
रेनू ने उसको गले से लगाकर चुप कराया और बाजार से दूध मंगाकर उसको पिलाया .अब वो चुप हो गयी और रेनू को एकटक देखे जा रही थी . वह उसको पाकर बहुत खुश थी जैसे उसको गोद में लेकर उसने संतान का सुख पा लिया.
राज ने पुलिस को बच्ची की गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखवाई और बच्ची को पुलिस को सौपने का मन बनाया. जैसे ही बच्ची को रेनू ने गोद से उतार कर पुलिस इस्पेक्टर को दिया वो जोर जोर से रोने लगी. पुलिस इस्पेक्टर ने कहा ” मेंडम आप इसकी अपने घर ले जाइये ये यहाँ कैसे रह पाएगी जब इसके माता पिता मिल जायेंगे तब हम आपको खबर कर देंगे.”  राज ने कहा “ऐसे हम किसी के बच्चे को घर ले जा सकते है अगर इसके माता पिता ने हम पर ही चोरी का इल्जाम लगा दिया तो हम क्या करेंगे. पुलिस इस्पेक्टर बोला ” ऐसा कुछ नहीं होगा हम सब सम्भाल लेंगे ” यह सुन दोनों बच्ची को घर ले आये घर के सभी लोग पूछने लगे किसके बच्चे को लेकर आये हो “, दोनों ने सब कुछ बता दिया
रेनू रात को उसको सुलाकर लेटी तो उसके मन एक विचार आया. “कि ईश्वर ने इस बच्ची के रूप में हमारी संतान को भेजा, हम इसको अपनी संतान मानेंगे.” आठ दिन गुजर जाने के बाद बच्ची के माता पिता कोई पता नहीं चल पाया. पुलिस वालों ने बहुत खोजा. रेनू राज से बोली ” हमारी किस्मत में संतान का सुख नहीं है अगर हम इसको पाल ले तो हमारी सन्तान की जो इच्छा है वो पूरी हो जाएगी.” राज ने रेनु की बात सुनकर हाँ कर दी.
दोनों पुलिस स्टेशन गए.  पुलिस इस्पेक्टर बोला ” अब इसके माता पिता मिल नहीं रहे है अब हम इसको अनाथालय भेज देंगे. यह सुन राज और रेनू बोले ” हम इस बच्ची को गोद लेना चाहते है इसको अनाथालय न भेजें. गोद लेने के लिए जो पेपर आप लोगों बनवाने है आप बनवा लीजिये और जो भी कार्यवाही है वो हम पूरी कर देंगे.”
यह सुन इस्पेक्टर बोला ” ठीक है आप लोग इसको गोद लेना चाहते है तो यही होगा.”
सब कारवाही पूरी होने के बाद उसको घर ले आये उस बच्ची का नामकरण किया उसका नाम रिया रखा .
— पूनम गुप्ता 

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश