कविता

कविता – माता पिता का सम्मान

माता पिता का करो सम्मान
जो देते  है हमें जीवन दान
पाल पोसकर बड़ा करते
संस्कृति और संस्कार देते
जब हम घर से कहीं बाहर जाते
चरण छू माता पिता से आशीष पाते
सदा हमको वो खुश रहने का आशीष देते
उनके कारण ही हम यश पाते
मात पिता संसार में प्रभु का दूसरा रूप है
उनके चरणों में ही चारों धाम है
जगत में उनसे ही हमारी पहचान है
हम उनका आदर और सत्कार करते है
सच्ची राह पर हमें चलना सिखाते है
ब्च्चों पर सब कुछ न्यौछावर करते है
गलती हमसे जब होती माफ भी करते है
वह हमेशा बहुत प्यार करते है
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश