राजनीति

अमेरिका में निर्मला – निकाली भारत के प्रति प्रायोजित दुष्प्रचार की हवा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार झूठी खबरों के आधार पर विदेशों  में भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाली ताकतों को वहीं जाकर मुंहतोड़ जवाब दे रही है जहाँ ये एजेंडा चलाया जा रहा है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और वहां उन्होंने भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा व गलत व्यवहार पर पश्चिमी मीडिया में बनाई जा रही झूठ पर आधारित अवधारणा को करारा व तीखा जवाब दिया है । स्वाभाविक है इससे भारत विरोधी ताकतों तथा भारत के छद्म धर्मनिरपेक्षों पर घड़ों पानी पड़ गया है और वे एक बार फिर अपने प्रदूषित विचारों का प्रदूषण फैलाने में लग गये हैं। भारत में बैठे छद्म धर्मनिरपेक्ष दलों के नेता  इतना सफेद झूठ बोल रहे हैं केवल उन विदेशी ताकतों जो, भारत को अपने निहित स्वार्थों के लिए भारत को कमजोर देखना चाहती हैं के अतिरिक्त कोई भी उन पर कोई भी विश्वास नहीं करेगा।

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश का नेतृत्व संभालने के बाद से भारत तथा विश्व में निरंतर बढ़ती उनकी लोकप्रियता ने देश के छद्म धर्म निरपेक्ष दलों  की रातों की नींद उड़ा दी है और अब वे विदेशों में भारत के अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों की झूठी कहानियां प्रचारित करवा कर मोदी सरकार व बीजेपी की छवि खराब करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। इस काम में पश्चिमी मीडिया ने उनके साथ गलबहियां डाली हुई हैं।

अमेरिका में निर्मला जी के बयानों पर जाने से पूर्व कुछ आंकड़ों पर दृष्टि डालनी पड़ेगी  जिनके अनुसार दुनिया के पचास के अधिक मुस्लिम देशों की आबादी मिलाने के बाद भी भारत की मुस्लिम आबादी दूसरे स्थान पर है। जिस तेजी से यहां मुस्लिम आबादी बढ़ रही है उससे पाकिस्तान भी तीसरे नंबर पर आ गया है। आजादी के बाद भारत में 1951 में मुस्लिम आबादी 9.8 प्रतिशत थी जो 2011 की जनगणना में ही बढ़कर 14.23 प्रतिशत हो गयी। दूसरी ओर हिंदुओं की तब 84.10 प्रतिशत आबादी थी जो जो जनगणना में घटकर 79.80 प्रतिशत रह गई। पिछले एक दशक मे मुस्लिम आबादी और तेजी से बढ़ी है। कोई भी समुदाय इतनी तेजी से अपनी जनसँख्या कैसे बढ़ा सकता है यदि उस पर अत्याचार हो रहे हों?

अमेरिका के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पाक व कांग्रेस प्रायेजित प्रोपेगेंडा की हवा निकालते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि,“ भारत दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है और अल्पसंख्यक मुद्दों पर भारत को दोष देने वालों को जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं है।“ उन्होंने कहा कि जो लोग इस अवधारणा को फैला रहे हैं उन्हें यह जान लेना चाहिए कि वर्ष 2014 से 2023 के बीच भारत में मुसलमानों की आबादी घटी नहीं अपितु बढ़ी है। भारत में आजादी के समय से मुसलमानों की आबादी में कमी नहीं आई है और इसके विपरीत पाकिस्तान जिसका गठन 1947 में हुआ वहां धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों को तबाह कर दिया गया ।

निर्मला जी ने भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को लेकर पश्चिमी मीडिया में छपने वाली खबरों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो इस प्रकार की रिपोर्ट बनाते हैं उन्हें सच्चाई जानने के लिए भारत आना चाहिए।वास्तविकता देखनी चाहिए न कि सिर्फ सुनकर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए। मैं उन्हें भारत में आमंत्रित करती हूं।

उन्होंने यह भी कहा है कि यदि भारत में मुसलमानों का जीवन कठिन होता तो उनकी संख्या बढ़ नहीं रही होती । वे सिर्फ बढ़ ही नहीं रहे हैं अपितु भारत में कारोबार भी कर रहे हैं । उनके बच्चे पढ़ रहे हैं और उनको सुविधाएं भी मिल रही हैं। विदेशी धरती से जो खालिस्तानी प्रपंच चलाया जा रहा है उन्होंने उसका भी वित्त मंत्री ने सटीक और  बहुत ही कड़ा जवाब दिया जिसके बाद देश विरोधी सेकुलर जमात बौखला गई और उसके जहरीले सोशल मीडिया पोस्ट्स की बाढ़ आ गई।

सर्वप्रथम मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक के बाद एक 27 ट्वीट कर डाले और उसमें संघ से सोमालिया तक की बातें कहीं और यहां तक कह डाला कि सत्ता पक्ष का एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है। इसी तरह उन्होंने झूठ पर आधारित कई बयान दे डाले लेकिन अब उनके बयानों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है क्योंकि लोग ओवैसी की सच्चाई को अच्छी तरह से समझ चुके हैं। दरअसल बात यह है कि ओवैसी भारत में एकमात्र मुस्लिम नेता बनना चाहते हैं लेकिन फिलहाल वह सफल नहीं हो पा रहे हैं और न ही कभी हो पायेंगे।

आज सेकुलर जमात का झूठ इसलिए भी नाकाम हो रहा है क्योंकि जब से भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है तब से सरकार जितनी भी योजनाएं चला रही हैं उन योजनाओं का तीस प्रतिशत लाभ मुस्लिम समाज को मिल रहा है। मोदी सरकार की कई योजनाओं प्रधानमंत्री आवास योजना, जन धन योजना, फ्री राशन, उज्ज्वला, मुद्रा योजना, हर घर शौचालय, लोन योजना सहित कई योजनाओं में मुसलमानों को सीधा लाभ मिल रहा है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में हज कोटा बढ़ाकर दो लाख तक किया है। आवास योजना में मुस्लिम समाज की हिस्सेदारी लगातार बढ़कर 24 प्रतिशत तक आ गई है। उज्ज्वला योजना का लाभ मुस्लिम महिलाओं को मिलने से उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा मिल रही है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा रही है कि मुस्लिम समाज देश की मुख्यधारा में शामिल हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा शासित राज्यों की सरकार मुस्लिम समाज की महिलाओं को सशक्त व सुरक्षित जीवन जीने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन तलाक के माध्यम से उनको एक बहुत बड़ी राहत दी है जिसके कारण आज मुस्लिम महिलाओं के बीच नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता बढ़ी है,आज लाखों मुस्लिम महिलाएं नरेद्र मोदी जी पर गर्व कर रही हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी जी के कारण ही वे आज सुरक्षित और तनाव रहित जीवन जी पाने में सक्षम हो रही है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्रदेश में तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक सहायता भी उपलब्ध करवा रही हैं। देश व प्रदेश में मदरसों का आधुनिकीकरण करने का अभियान चलाया जा रहा है ताकि मुस्लिम समाज के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके लेकिन दुर्भाग्य से मुस्लिम कट्टरपंथी ही  उसके खिलाफ हैं।

जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से पसमांदा मुसलमानों के बीच जाने की अपील की है और उस पर तब  से सेकुलर दलों के पेट में दर्द हो रहा है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का  ‘मन की बात’ कार्यक्रम 100 मदरसों में भी सुनाया जाएगा जिससे सेकुलर दलों में घबराहट फैल गई है ।

जो लोग भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार की झूठी कहानियां बनवाकर विदेशी मीडिया में प्रसारित करते हैं वही लोग कश्मीरी पंडितों  की हत्याओं और पलायन पर  चुप्पी साध लेते पाकिस्तान व बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर मौन साध जाते हैं। यह वही लोग हैं जो “द कश्मीर फाईल्स” को बकवास और  बेहूदा कह देते हैं। यह लोग पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर कोई सवाल नहीं पूछते क्योंकि उससे इनको अपने मुस्लिम वोट बैंक के नाराज हो जाने का डर रहता है।

अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बता दिया कि अब भारत बदल रहा है और वह जवाब देना जान गया है।

— मृत्युंजय दीक्षित