लघुकथा

वृद्धाश्रम

आज वृद्धावस्था आश्रम में कुछ खास दिन है सब लोग तैयारी कर रहे है | रेवतीजी रसोई में खीर  बना रही है आज सावित्री जी का जन्मदिन है|
शाम को सब बुजुर्ग हाल में एकत्रित हुए और सभी हाथ जोड़कर उनके स्वस्थ होने की प्रभु से प्रार्थना कर रहे थे|
उनकी आठ दिन से तबियत ठीक नहीं है सब लोगों ने उनसे केक कटवाया| और सबने मिलकर खाया सावित्री की खुशी से आँखे भर आयी और बोली ” आज तक मैंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया लेकिन आज तुम सबने मुझे बहुत बड़ी खुशी दी|
यह कहकर वो मुस्कराने लगीं और सोचने लगी अपनों ने साथ छोड़ दिया लेकिन वृद्धावस्था में आकर मैंने अपनों का साथ पाया|
बड़े बुजुर्गों को बोझ न समझे उनको भी आपके साथ खुशी मनाने का अवसर दें और उनका सम्मान करें उनका आशीर्वाद हमारे लिए बहुत फलदायी होता है.
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश