गीत/नवगीत

जोगीरा

जोगीरा सा रा रा रा रा..

कहे राज कर जोड़के, यारों मत होना नाराज
हर कुर्सी प्रेमी नेता की, पोल खुलेगी आज
जोगीरा…

काबा से हैं डर गए बाबा, नोटिस खूब पठावें
पर नेहा है धुन की पक्की, गाना हर दिन गावें
जोगीरा ….

बात आम की हो तो, मोदी इमली दें जवाब
फिर से जीत के पीएम होंगे, ऊँचे इनके ख्वाब
जोगीरा ….

बहुजन की ये बात हैं करती, बहुजन को स्वीकार
आम जनों की नेता पहनें नोटों का ही हार
जोगीरा….

आप आप कह संसद पहुँचे, अपने भगवंत मान
संसद को ये मंच समझ, पढ़ते हैं अपना गान
जोगीरा….

खाऊँगा ना खाने दूँगा, रोजगार भी दूँगा
मन की बात कहूँगा, लेकिन कुछ भी नहीं सुनूँगा
जोगीरा…..

आम हूँ मैं और आम रहूँगा कहते केजरीवाल
चंद साल में चाल बदल गई जनता करे सवाल
जोगीरा ….

ममता की ममता भारी है, कोई नहीं समर में
आँख तरेरें पंजे को, गठबंधन हुआ अधर में
बोलो सा रा रा रा रा

मैं नेता हूँ होशियार, मैं पप्पू भला कहाँ हूँ
खुद को मार दिया है मैंने, जिंदा भला कहाँ हूँ
जोगीरा….

एक पूर्वलिखित रचना
मौलिक / स्वरचित

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।