कविता

मेरी आवाज़ ऊपर तक पहुंचे

देश के कानून के अंतर्गत नियम नया लाना है
ज्यादा कुछ नहीं थोड़ा उलट फेर कर जाना है
रखनी है मुझे अपने मन की बात सबके समक्ष
ना कि कोई मुझे इतिहास रचाना है।।
करना है ये तो उच्च अधिकारियों को ही मिल
मेरा फ़र्ज़ सिर्फ एक सुझाव रख समझाना है।
हो रहे देश मे कितने लव जिहाद देखो सभी
अपनी हिंदू बेटियों को मिल हमें ही बचाना है।।
करना बस इतना है, आप सभी को मिल एक
हिंदूओं के हित मे सज़ा पारित कर जाना है।
क्या हिंदु , क्या मुस्लमान, क्या सिख, इसाई
किसी बलात्कारी को रियायत नहीं दे जाना है।।
काट बलात्कारी का गुप्त अंग, पर जिंदा रहे
जिससे की वो किसी के काम ना आना है।
अरे जिंदगी भर नजरें ना मिला सकेगा किसी से
बलात्कारी की पहचान कटा गुप्त अंग बताना है।।
आए जो बीच मे कोई उच्च अधिकारी भी उसे
विदेशियों के कानून नियम उसे पढ़ाना है।।
ना रहेगा बांस ना बजेगी कभी बांसुरी
कहावत को सार्थक आप को ही कर जाना है।।
मेरा उद्देश्य सिर्फ अपनी बात
ऊपर तक पहुंचाना है।।2।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित