लघुकथा

चमत्कार

रोज नियम से भगवान राम की पूजा करने वाली सुरेखा की आस्था रंग लाई, जब उसने प्यारे-से बेटे को जन्म दिया. देव की कृपा से प्राप्त बेटे का नाम उसने देवांश रखा.
थोड़े ही दिनों में मजदूरी करने वाले माता-पिता की खुशी काफूर हो गई.
“बच्चे के दिल के आगे की हड्डी नहीं है.” डॉक्टरों ने बताया.
बच्चे की तबियत से माता-पिता दुःखी भी थे और उसका इलाज न करवा पाने की आर्थिक मजबूरी से परेशान भी.
सुरेखा को दयानिधान भगवान राम पर पूरी आस्था थी. माता-पिता सबसे अपने बच्चे की परेशानी का जिक्र करते रहते थे. आखिर एक दिन दयानिधान भगवान राम ने अपना चमत्कार दिखा ही दिया!
केंद्र सरकार द्वारा संचालित “हर परिवार स्वस्थ-हर गांव स्वस्थ” अभियान की एम्बुलेंस सीमलिया उनके गांव से गुजरी. महेंद्र ने एंबुलेंस में मौजूद डॉक्टरों से देवांश की बीमारी को लेकर चर्चा की. डॉक्टरों ने उसे बच्चे और उसके उपचार के कागज लेकर कोटा कैंप कार्यालय बुलाया. यहां सामने आया कि देवांश का उपचार दिल्ली में ही संभव है.
दिल्ली में देवांश के उपचार की सारी व्यवस्था की गई. माता-पिता के दिल्ली जाने और वहां ठहरने का भी इंतजाम किया. दिल्ली में देवांश का सफल ऑपरेशन हो गया. कुछ दिनों अपनी देखरेख में रखने के बाद उसे छुट्टी दे दी, वह घर आ गया. डॉक्टरों का कहना है कि यदि और कोई जटिलता नहीं हुई तो देवांश सामान्य जीवन जी पाएगा.
धार्मिक आस्था ने अपना चमत्कार दिखा दिया था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244