लघुकथा

लघुकथा – फर्क

“देखो अपने गाँव का अमित पूरे प्रखंड में अव्वल आया है मेट्रिक की परीक्षा में।” दीपक बाबू ने कहा।
“अरे वाह। रमेश का बेटा बहुत मेहनती है।” पत्नी बोली।
“फेसबुक पर इस बच्चे की तस्वीर के साथ बधाई संदेश भेज देता हूँ।” दीपक बाबू मोबाइल पर टाइप करते हुए कहा।
“यह क्या करते हैं आप। मेरा प्रकाश इंटर की परीक्षा में पूरे जिले में अव्वल आया था। लेकिन गाँव के किसी ने बधाई नहीं दी,और तो और जब अखबार में प्रकाश का नाम आया, साथ में फोटो भी तो कुछ लोगों को उल्टी सीधी कहते आपने भी सुना था। रमेश भी उन लोगों में से था। तुम क्यों बधाई देने की सोचने लगे?”
“फिर लोगों में और मुझमें क्या फर्क रह जायेगा ? तुम्हीं बताओ।” दीपक बाबू ने कहा।
— निर्मल कुमार दे

निर्मल कुमार डे

जमशेदपुर झारखंड nirmalkumardey07@gmail.com