पर्यावरण

मटका थिम्बक सिंचाई

मटकों से रिसता पानी पौधो को पेड़ बनाने एवं संरक्षित करने के लिए ‘मटका थिंबक सिंचाई ‘पर्यावरण संरक्षण के दिशा में किया जाने वाला नया प्रयोग है |गर्मी के दिनों में ये ज्यादा लाभकारी होता है। इस प्रक्रिया के लिए तक़रीबन १० लीटर तक पानी की क्षमता वाला मटका लेकर उसके पेंदे में छोटा छेदकर जुट की सूतली का एक छोर मटके में डालकर गठान लगा दी जाती है | इस तरह मटके का पानी जमीन में रिसेगा जो पौधो की जड़ों के आस पास  के क्षेत्र को गीलाकर पौधों को सींचेगा | इस प्रकार की प्रक्रिया में पौधो को बार बार पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती | प्लास्टिक की स्लाइन की काली बोतल में पानी भरकर उसे लकड़ी के सहारे बांधकर उसमें लगी पाइप नली के द्धारा भी पौधों को बचाने की भूमिका निभाई जाती है | हालांकि इसमें रखा पानी की अवधि मात्रा एक दिन ही होती है | दोबारा से पानी को भरना होता है | कई बाल्टी में पानी लेकर लोटा लेकर हर एक पौधों में पानी डालते जो की कठिन कार्य होता है |वर्तमान में पौधों को संरक्षित की दिशा में ‘मटका थिंबक सिंचाई ‘ ही बेहतर पद्धति है|

— संजय वर्मा ‘दॄष्टि’

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच