कविता

“न” कहना जरूरी है


जीवन में हां के साथ न कहना भी जरूरी है
यह समय परिस्थिति और आपकी
स्व इच्छा पर निर्भर है।
संकोच त्याग दीजिए
और न कहने की आदत नहीं है
तो ये गंभीर बीमारी है
जिसका तत्काल इलाज कीजिए,
वरना हैरान परेशान रहेंगे
और सबसे अधिक आप अपना नुकसान करेंगे।
क्योंकि जो लोग न को पसंद नहीं करते
वे आपके शुभचिंतक नहीं हो सकते
न चाहते हुए भी जो हां बोलने के लिए
खुद को  विवश पाते हैं
सच मानिए वे सबसे बड़े बेवकूफ होते हैं।
हर समय हां करना जरूरी नहीं है
न कहने के लिए खुद को मजबूत बनाइए
अपना नफा नुकसान और अपनी परिस्थिति समझिए।
सामने वाला क्या कहेगा या क्या सोचेगा?
यह भूलकर भी मत सोचिए
बल्कि आप क्या कर सकते हैं?
आपके लिए महत्वपूर्ण क्या है?
सबसे पहले यह सोचिए
वरना आपकी ये आदत
आपके लिए नासूर बन जायेगी
आपको आये दिन रुलाएगी ,
हां हां कहते कहते आपकी जिंदगी
जहन्नुम बन जायेगी।
आपके जीवन की खुशी छीन ले जायेगी।
हां कहने की आपकी आदत
न पर भारी पड़ती जायेगी
आपके गले की फांस बन जायेगी।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921