अन्य लेख

गुदना कला से सौंदर्य निखार

विदेशो में टेटू यानि गुदना कला का सौंदर्य चकाचोंध को बढ़ावा देने व् अपने को जो अच्छा लगे उन प्रतिक चिन्हों को शरीर  पर बनाए जाने का चलन जोरो पर है ।ग्रामीण क्षेत्रों में गुदना कला को लोग वर्षो से बनवाते आ रहे है किन्तु वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रो में इस कला  का चलन धीरे धीरे कम होता दिखाई दे रहा है । विदेशो में ये  फैशन का रूप ले चुकी है।विदेशो में और यहाँ  भी पुरुष और महिलाएं एवं व्यस्क बच्चे भी गुदना (टेटू ) बनवाते है।फिल्म “अशोका ” में हीरो -हीरोइन ने भी अपने शरीर पर बनाकर सौंदर्य को बढावा दिया था।गुदना कला यानि सौंदर्य के वे चिन्ह है जिनसे स्थाई रूप से सजने -सँवरने हेतु रोजाना से निजात मिलती है।कई गुदना कलाकार गुदना के चलन कम होने से दुखी है।वे स्वयं की तैयार की गई या पारंपरिक चित्रकारी को प्रयोग में लाते  है।विदेशो में इसका प्रभाव बरक़रार है किन्तु यहाँ धीरे -धीरे कम होता दिखाई  दे रहा है । 

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच