कविता

देश हमारा

नीले अंबर के विशाल   सीने में
झंडा ऊँचा रहे सदैव       हमारा
विश्व मंच के विशाल आँगन    में
लहरेगा तिरंगा हम सब का प्यारा

हरा रंग हरियाली है भारत        की
केसरिया रंग जवाँ जोश भरने वाला
सादा है सच्चाई प्रेम जगत       की
सत्य मार्ग पे राह दिखलाने।    वाला

आन बान व हमारी शान है ये तिरंगा
इसे कभी ना हिन्द झुकने        देगा
प्राणों की अपनी आहूती        देकर
अमर तिरंगा पथ पर ना  रूकने देगा

ये प्रतीक है बलिदान कुर्बानी   हमारा
भगत सिंह ने हमें बतलाया।         है
हिन्द है माँ भारती का पावन ऑचल
खुदीराम ने सबको  यहाँ समझाया है

हम हैं हिन्द फौज की वो ताकत वीर
सुभाष चन्द्र ने जिसे तब ललकारा था
आजादी के बदले खून दे कर सब    ने
स्वाधीनता का मंजर स्वीकारा।        है

हिमालय के माथे पर तिरंगा  लहराया
कण कण में तिरंगा हम लहराया    है
सागर के लहरों में है अब        समाया
आजाद हिन्द  पावन धरा हमारा      है

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088