लघुकथा

मोबाइल

राकेश शाम को घर लौट रहा था उनकी नजर नदी की तरफ गयी कोई उसमें डूब रहा है| वह सहायता के लिए बाहर हाथ निकाल कर बुला रहा था लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे थे| राकेश तालाब में कूद गया और व्यक्ति को बचा कर बाहर ले आये  उसको उल्टा करके पानी निकाला  उसकी जान बच गयी|

राकेश ने  मोबाइल से वीडियो बना रहे थे उनसे बोला, “कितने शर्म की बात है कोई व्यक्ति नदी में डूब रहा है तुम सब मोबाइल से वीडियो बना रहे हो फिर इस वीडियो को वायरल करते लोगों के लाइक और कमेंट मिलते इसमें ही खुश हो जाते यह कैसी मानवता है| इंसानियत के नाते ही उसको बचाते” यह सुनकर सब लोगों ने अपनी निगाहें नीची कर ली और बोले “हमें माफ कर दीजिये अब हम कभी ऐसा नहीं करेंगे.”

यह कहकर सब लोग राकेश के लिये ताली बजाने लगे.

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश