लघुकथा

विशेष तारीख : 7 दिसंबर

कभी-कभी कोई तारीख इतनी विशेष हो जाती है, कि अद्भुत लगने लगती है. ऐसी ही एक तारीख है- 7 दिसंबर.
हुआ यह कि शादी के बाद जब मैं नौकरी के लिए अप्लाइ करने लगी, तो शिक्षा और नौकरी के सारे सर्टिफिकेट निकाले और फॉर्म भरने लगी.
“सबसे पहली नौकरी की तारीख तो आपने मेरी लिख दी है!” पतिदेव ने देखा तो हैरानगी से कहा.
मैंने और फिर पतिदेव ने अच्छी तरह चेक किया, तारीख सही थी.
“कितना अद्भुत संयोग है, मेरी सबसे पहली नौकरी की तारीख भी 7 दिसंबर 1962 है!” पतिदेव बोले.
तब तक हमारी जान-पहचान दूर-दूर तक भी नहीं थी, शादी की बात तो 5 साल बाद शुरु हुई.
बहरहाल फॉर्म भरा गया, लिखित और मौखिक परीक्षा भी हो गई. हम पूरी दिल्ली में सर्वप्रथम घोषित हुए, घर के पास मनचाहा स्कूल भी मिल गया.
7 दिसंबर की बात अभी और भी है. हमारे सुपुत्र की शादी की उम्र हो गई थी, स्वभावतः हम उसे शादी करने के लिए कह रहे थे.
“मैं 2000 में शादी करूंगा.” दो साल से उसका जवाब होता था.
संयोगवश 2000 में 7 दिसंबर को ही उसकी शादी हुई!
हो गई न तारीख 7 दिसंबर हमारे लिए विशेष!

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244