राजनीति

दुनियां में फिर कोरोना की दहशत

वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियां ने कोविड – 19 का जबरदस्त दंश झेला है, जिसके कारण अब कोरोना का नाम सुनते ही भयानक मंजर याद आ जाता है, परंतु कोरोना ने अभी तक पीछा नहीं छोड़ा है, अपने भिन्न-भिन्न वेरिएंट के जरिए सामने आ रहा है। पिछले दो सालों से इसके अनेक वेरिएंट आ चुके हैं जिसके कारण समय समय पर दुनियां सहित भारत की सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर गाइडलाइंस दिशानिर्देश भी जारी करते रहे हैं। इसी कड़ी में अभी फिर एक बार एक नया वेरिएंट जेएन.1 का संक्रमण अब पूरी दुनियां के अनेक देशों में फैलता जा रहा है अब तक अमेरिका सिंगापुर यूरोप सहित करीब 38 देश में इसने पांव पसार दिए हैं। वहीं भारत में केरल से एक महिला इस वेरिएंट में पॉजिटिव होने की बात सामने आई है जो तेजी से संक्रमित होने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। जो पहला मामला 8 दिसंबर 2023 को पहचान लिया गया था, केंद्र के संज्ञान में आते ही सरकार एक्शन मोड में है और राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है, चूंकि दुनियां में फिर कोरोना वेरिएंट जेएन.1 की दहशतछाई हुई है,पड़ोसी राज्य केरल और तमिलनाडु में कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के परिणाम स्वरूप, कर्नाटक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याणसेवा आयुक्तालय ने मंगलवार दिनांक 19 दिसंबर 2023 को आशंकाओं के बीच साल के अंत के जश्न के दौरान कई दिशानिर्देशों के साथ एक सलाह जारी की।इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 ने पांव पसारना शुरू कर दीया घबराने की नहीं सावधानी रखने की जरूरत है। 

साथियों बात अगर हम सब वेरिएंट जेएन.1 की करें तो कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोरोना वायरस के नए सब वेरिएंट सामने आ रहे हैं।हालांकि इस बार जो सब-वेरिएंट म्यूटेट हुआ है, वो बहुत ही खतरनाक और जानलेवा है। अमेरिका, चीन और ब्रिटेन सहित कई देशों में लोग इस नए वेरिएंट के चपेट में आने शुरू हो गए हैं। हैरानी की बात है कि भारत में भी एक मामला सामने आ चुका है। ऐसे में लोगों के भीतर एक बार फिर कोरोना को लेकर डर बैठ गया है। हालांकि एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि अगर सावधानी बरती जाए तो इसे फैलने से रोका जा सकता है। विशेषज्ञों ने मीडिया को बताया कि जब तक लोगों में जेएन.1 वेरिएंट के प्रति इम्यून सिस्टम नहीं तैयार होता है, तब तक कोरोना के मामले की बढ़ने की आशंका है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का ये नया वेरिएंट खतरनाक नहीं है लेकिन सर्दी, जुकाम, वायरल में जैसे सावधानियां बरतते हैं और परिवार में एक के होने पर दूसरे लोग इसकी चपेट में न आएं, ऐसे बचाव करते हैं, वैसे करते रहें। हाथों को साबुन से धोएं, भीड़ भाड़ वाली जगहों पर मास्‍क पहनें, जो लोग किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, कोमोरबिड हैं, वे मास्‍क पहनें औरसार्वजनिक स्‍थानों पर कम से कम जाएं। हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। भारत में कोरोना के सब वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में सामने आया था। आगामी त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए हमें जरूरी कदम उठाने होंगे। राज्यों से अपील की गई है कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की कोविड-19 की संशोधित गाइडलाइन का पालन करें और उसका सख्ती से पालन भी कराएं। देश में रविवार को 335 नए कोविड-19 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 1,701 हो गई है। सब वेरिएंट जेएन.1 को लेकर कर्नाटक सरकार ने अलर्ट जारी किया है। 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में मिला संक्रत 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि, महिला ठीक हो गई। संक्रमित महिला ने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में सोमवार को कोरोनावायरस संक्रमण के कुल 127 नए केस दर्ज हुए, जिसमें अकेले केरल से 111 मामले शामिल थे। इसके साथ ही देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1828 हो गई, जिसमें से 1634 केरल में दर्ज हुए हैं। केरल में कल कोरोना से 1 मरीज की मौत भी हुई। 

साथियों बात अगर हम केंद्रीय स्वास्थ्य सचिवालय द्वारा राज्यों को जारी गाइडलाइंस की करें तो, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। उनके बीच लगातार मामले पर चर्चा होनी चाहिए। साथ मिलकर ही हम कोरोना के मामलों की संख्या कम कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना गया नहीं है। वायरस का प्रकोप अब भी जारी है। इसलिए इसे लड़ाई की मुहिम हमें जारी रखनी होगी। केंद्र सरकार द्वारा राज्य को जारी एडवाइजरी में कहा है कि, आगामी त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए, राज्यों को सांस संबंधी स्वच्छता के पालन करने की सलाह दी है। साथ ही राज्यों से कहा है कि बीमारी को फैलने के जोखिम को कम करने के लिए जरूरी पब्लिक हेल्थ के उपाय और दूसरी व्यवस्थाएं को दुरुस्त करें। राज्यों को सलाह दी गई कि वे सभी जिलों में पहले से जारी दिशा निर्देश के अनुसार कोविड -19 टेस्ट करें। साथ ही आरटी पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट की हिस्सेदारी बनाए रखें। उन्होंने राज्यों से मामलों का जल्द पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों की निगरानी और रिपोर्ट पर जोर देने को कहा है। राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोरोना जांच की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच में बैलेंस भी बनाना भी जरूरी है। 

साथियों बात अगर हम इस मामले में डब्लूएचओ के बयानों की करें तो, उनके द्वारा इस वेरिएंट को लेकर सावधान किया था इस वॉर्निंग की दो वजहे हैं.l।  पहली वजह ये है कि इस वेरिएंट में अब तक 40 से ज्यादा म्यूटेशन्स हो चुके हैं, इतनी तेजी से शक्ल बदलने वाला ये कोविड का पहला वेरिएंट कहा जा सकता है। दूसरी वजह ये है कि इस पर वैक्सीन से मिली इम्युनिटी काम नहीं कर रही है।ये वेरिएंट सबसे पहले लक्ज़मबर्ग में मिला जो उत्तर पश्चिमी यूरोप का एक छोटा सा देश है। लेकिन अब इसके शिकार हुए मरीज इंग्लैंड, फ्रांस, आइसलैंड और अमेरिका में भी मिल चुके है। 

साथियों बात अगर हम इस वेरिएंट से सावधानी, लक्षणों और सुरागों की करें तो कोविड 19 जेएन.1 वेरिएन्ट: वायरल बुखार से खुद को बचा कर रखें, नए म्यूटेशन को पकड़ना नहीं होगा आसान है, एक्सपर्टस के मुताबिक ये तेजी से फैला है इसलिए सावधान रहना बेहद जरुरी है। डॉक्टर ने कहा, वायरल बुखार की मार झेल रहे भारत में नए म्यूटेशन को पकड़ना आसान नहीं होगा  इसलिए सर्दियों की आहट को समझते हुए किसी भी तरह के वायरल बुखार से खुद को बचा कर रखें। वायरल बीमारियों के साथ सबसे बड़ी परेशानी यही है कि वो कभी खत्म नहीं होतीं बल्कि म्यूटेट होकर यानी नई नई शक्ल में वापस  आती रहती हैं, जिसे साइंस की भाषा में म्यूटेशन कहा जाता है। जेएन.1 वेरिएंट बाकी को कोरोना से अलग हैं क्या? कोविड -19 के बहुत सारे वेरिएंट हैं लेकिन इसके लक्षण सामान्य है, सबसे गंभीर बात यह है कि कोविड इंसान के इम्युनिटी पर हमला करती है। इसके बचाव इस प्रकार हैं जिसका पालन करें, सारस-सीओवी 2 के लिए वैक्सीन का टीका जरूर लगवाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें, इन्फ्लूएंजा का वैक्सीन लें, फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सर्दी से बचाव के उपाय अवश्य करें।

कोविड के न्यू वेरिएंट के लक्षण- सांस संबंधी परेशानियां हल्का बुखार,खांसी,नाक बंद,गले में खराश,नाक बहना,सिर दर्द,पेट में गड़बड़ी,दस्त। कोविड के नए वेरिएंट से कैसे बचेंइस वेरिएंट में भी वैक्सीन काम आ सकती है। बस याद रखें कि जो वैक्सीन वायरस के स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करती हैं, वे जेएन.1 और बीए.2.86 के खिलाफ भी असरदार साबित होनी चाहिए बाहर निकलने से पहले मास्‍क जरूर पहनें,सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें,समय समय पर हाथ धोएं। पड़ोसी राज्य केरल और तमिलनाडु में कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के परिणामस्वरूप, कर्नाटक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सेवा आयुक्तालय ने मंगलवार को आशंकाओं के बीच साल के अंत के जश्न के दौरान कई दिशानिर्देशों के साथ एक सलाह जारी की।

साथियों बातअगर हम अमेरिका और सिंगापुर में जेएन 1 वेरिएंट की करें तो, गोविड 19 जेएन.1 वेरिंएट: सिंगापुर में जेएन.1 वेरिएंट के ज्यादातर मामले, राज्यों में चल रही है मॉक ड्रिल।79 वर्षीय महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से उबर चुकी है। गौरतलब है कि देश के सभी राज्यों में  मॉक ड्रिल चल रही है। गौरतलब है कि सिंगापुर में  तीन से नौ दिसंबर तक कोविड​​-19 के मामले बढ़कर 56,043 हो गए, जो पिछले सप्ताह 32,035 थे। संक्रमण के इन मामलों में अधिकतर मामले जेएन.1 वेरिएंट के हैं। सारस सीओवी 2 का एक नया वेरिएंट पहली बार सितंबर में अमेरिका में पाया गया था और बाद में इस वेरिएंट के 11 वेरिएंट दुनिया के अलग अलग देशों में पाया गया था। 8 दिसंबर के सीडीसी बयान से नवीनतम अपडेट, जेएन.1 में संयुक्त राज्य अमेरिका में अनुमानित 15-29 प्रतिशत शामिल है।यह संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ने वाला वेरिएंट है। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दुनियां में फिर कोरोना की दहशत – भारत ने एडवाइजरी जारी की। कोरोना वेरिएंट जेएन.1 – हो जाएं सावधान नहीं तो चली जाएगी जान भारत में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 ने पांव पसारना शुरू किया – घबराने कि नहीं सावधानी रखने की जरूरत है।

— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया