सामाजिक

बोर्ड परीक्षा के दौरान तनाव से कैसे बचे?

माता-पिता एवं शिक्षक अच्छी पढाई और बेहतर परिणाम की प्राप्ति हेतु प्रोत्साहित करें, वहीँ उन्हें धैर्य एवं साहस भी प्रदान करे| सफलता नही मिलने पर उन्हें निराशा से बचाएं|

छात्र जीवन में शिक्षा और परीक्षाएं एक अविभाज्य हिस्सा हैं,और बोर्ड परीक्षा का समय आते ही छात्रों के लिए यह सवाल महत्वपूर्ण हो जाता है कि उन्हें इस समय कैसे तैयारी करनी चाहिए।
बोर्ड परीक्षा एक महत्वपूर्ण और अवसरपूर्ण समय होता है, जिसमें शिक्षक और छात्र एक-दूसरे के साथ मजबूत सामंजस्य बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए । यह समय न केवल छात्रों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन सही सामंजस्य बनाए रखने से इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को सहारा मिल जाता है।
यह समय छात्रों के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षण होता है, जिसमें सफलता की ऊँचाइयों को हासिल करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
बोर्ड परीक्षा एक अद्वितीय माहौल में छात्रों के जीवन में प्रवेश कराती है, जिसमें सफलता की चाहत और स्ट्रेस दोनों होते हैं।
यह हमारे शिक्षा की महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, लेकिन इस समय के दौरान स्ट्रेस से बचना आवश्यक है। यह समय छात्रों के लिए तनावपूर्ण हो जाता है, लेकिन सही दृष्टिकोण और उपायों के साथ, इसे प्रबंधित किया जा सकता है।
इस समय को एक अवसर में बदलने के लिए स्ट्रेस (तनाव) को संज्ञान में रखना महत्वपूर्ण है। सही दिशा, सही साथ, सही प्रयास और सही दृष्टिकोण से, छात्र बोर्ड परीक्षा के समय स्ट्रेस को प्रबंधित कर सकते है और सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते है।
इस दौरान स्ट्रेस का होना एवं उसका सामना करना आम है, लेकिन इसे सही दृष्टिकोण और उपायों के साथ नियंत्रित किया जा सकता है।
पहली चीज़ तो ये देखना आवश्यक है की इस दौरान आने वाला तनाव किस प्रकार का हैं| तनाव मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:- i) सकारात्मक ii) नकारात्मक|
सकारात्मक तनाव हमें हमेशा कठीन परिश्रम करने के लिए मानसिक रूप से मजबूत बनाता हैं और सकारात्मक दिशा में प्रेरित करता हैं| सकारात्मक तनाव एक स्वस्थ और सकारात्मक जीवन की कुंजी हो होता है| यह एक तरह की मानसिक सशक्तिकरण है जो हमें अपनी सीमाओं को पार करने और जीवन को सकारात्मकता से भरने की क्षमता प्रदान कर सकता है।
छात्रों को चाहिए की वे सकारात्मक तनाव को अवश्य लें जैसे की इस समय हमें पढाई के दौरान कठीन परिश्रम करने की आवश्यकता हैं, हमें अपने लक्ष्य को अवश्य पाना हैं आदि|
इसके साथ छात्रों को यह भी ध्यान रखने की आवश्यकता है की वें नकारात्मक तनाव एवं निराशा को अपने पास भटकने भी न दें| अपने मन के किसी भी कोने में किसी प्रकार का कोई भी नकारात्मक विचार और अपने प्रति संदेह न आने दें| एक उत्साही और सकारात्मक दृष्टिकोण से, नकारात्मक तनाव को सकारात्मक तनाव में बदला जा सकता है।
परीक्षा एवं उसका परिणाम बच्चों, उनके अभिभावकों, और शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह एक भावनात्मक समय होता है, लेकिन इस समय में बच्चों पर अत्यधिक दबाव डालना उचित नहीं है।
अभिभावक एवं शिक्षकों को भी चाहिए की परीक्षा के परिणाम के लिए वें बच्चों पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव न डाले| अपने सपनों को अपने बच्चें के ऊपर बोझ न बनने दें| बल्कि बच्चों को प्रोत्साहित करें| उनके अंदर यें विश्वास जगाएं की वें बहुत अच्छा करेंगे| उन्हें परीक्षा से पहले पढाई के दौरान कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करें|

बोर्ड परीक्षा के दौरना नकारात्मक तनाव से बचने के उपाय:-
i) सही योजना बनाएं: एक ठीक सी योजना बनाना स्ट्रेस को कम करने का पहला कदम है। अपने अध्ययन का सही तरीके से प्रबंधित करने के लिए सही योजना बनाएं और उसे नियमित रूप से अपडेट करें।
ii) समय सारणी (टाइम टेबल) तैयार करें: नकरात्मक तनाव से बचने के लिए समय का सदुपयोग करना आवश्यक होता हैं और इसके लिए एक सही समय सारणी बनाना आवश्यक है। और छात्र उसी समय सरणी के अनुरूप अध्ययन करें|
iii) मनोबल बनाएं रखें: सकारात्मक सोच और स्वाभाविक रूप से होने वाले तनाव को संभालने के लिए मनोबल को बनाए रखें। अपने ऊपर कोई संदेह न होने दे|
iv) सकारात्मक सोच बनाएं: सकारात्मक सोच मनोबल देने में मदद करती है। अपनी सफलता पर ध्यान केंद्रित करें और नकारात्मक विचारों को दूर करें।
v) ध्यान और प्राणायाम का प्रयास करें: नकारात्मक तनाव से बचने के लिए ध्यान और प्राणायाम सबसे असरदार तकनीक हैं| ध्यान एवं प्राणायाम से मन को शांति एवं सकरात्मता मिलती है और यह स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है। रोजाना कुछ समय ध्यान एवं प्राणायाम जरुर करें|
एक मजदूर ने पहले दिन 10 क्विटल लकड़ी काटी, दूसरे दिन 8 क्विटल और तीसरे दिन 6 क्विटल । मालिक ने कारण पूछा तो उसने बताया कि वह पहले दिन की भाँति निरंतर कार्य में लगा रहता है। मालिक ने कुल्हाड़ी देखी और पूछा कि प्रतिदिन कुल्हाड़ी पैनी करते हो या नहीं। मजदूर बोला कि मैं इस कार्य में समय बरबाद नहीं करता। मालिक बोला कि इसी कारण लकड़ी कम काट रहे हो। प्रतिदिन पहले 15-20 मिनट कुल्हाड़ी पैनी करने में खरच करो। विद्यार्थी प्रतिदिन अपने मस्तिष्क को पैना करने में 20 मिनट अवश्य खरच करें। यह समय की बरबादी नहीं है।
vi) मनोरंजन और आराम: समय-समय पर आराम लेना और मनोरंजन करना भी महत्वपूर्ण है। यह आपको ठंडक प्रदान करेगा और स्ट्रेस को कम करेगा।
vii) समीक्षा करें और स्वीकार करें: नियमित रूप से अपनी समीक्षा करें की इस समय आपकी स्थिति क्या हैं और उसे स्वीकार करते हुए उसमे सुधार करने का हर संभव प्रयास करें|
सफलता पाने के लिए मनोवैज्ञानिक सूत्र
i) शिक्षण (Learning)
ii) प्रतिधारण (Retention)
iii) याद करना (Recall)
iv) मान्यता देना (Recognition)

विशाल सोनी

शिक्षा-MCA पेशा- शिक्षक वैशाली (बिहार) 8051126749