कविता

फिर आ गया नया साल

आ गया फिर अब देखो नया साल 

दे गया खट्टी मीठी कुछ यादें बीता कल

ऐसी तबाही मचाई थी कुदरत ने

डर के साये में बीता था हर लम्हा हर पल

भारी बरसात में कुदरत ने जो मचाई थी तबाही

खंडहर देते रहेंगे जीवन भर उसकी गवाही

समय तो मरहम लगा देगा हर जख्म पर

भूलेंगे कैसे वो जिन्होंने खोये परिवार माँ बाप भाई

डूबा देश पीड़ा में उपद्रवियों ने मणिपुर जलाया

सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बना इतिहास रचाया

जी20 का सम्मेलन करके भारत का लोहा मनवाया

क्रिकेट विश्व कप में भारत को ऑस्ट्रेलिया ने हराया

एक ऐतिहासिक पल भी आया इस वर्ष

जब चंद्रमा पर उतरा भारत का चंद्रयान

पूरा विश्व चकित होकर देखता रह गया

इसरो के वैज्ञानिकों की यह अद्भुत उड़ान

धारा 370 पर सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया

देशप्रेमी तो खुश हुए पर कुछ को रास न आया

नव वर्ष में होंगे देश में लोकसभा के चुनाव

सत्तापक्ष को चुनौती देने विशाल गठबंधन बनाया

करें स्वागत नव वर्ष का दिल खोल कर

मन में न रखें ईर्ष्या द्वेष न कोई मलाल

रहना पड़ेगा सबको वैसे ही जैसा समय चाहेगा

घुट घुट के जियें या रहें खुशहाल

— रवींद्र कुमार शर्मा

*रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं जिला बिलासपुर हि प्र