मुक्तक/दोहा

मुक्तक

ज़माने के लिये होगा अमीरी की निशानी तू
कि तारीफ़ों के पुल मत बाँध अपनी ही ज़ुबानी तू
गुज़र कर लेंगे जैसे-तैसे अपनी मुफ़लिसी में हम
जताना है अगर एहसां तो मत कर महरबानी तू

— पूनम माटिया

डॉ. पूनम माटिया

डॉ. पूनम माटिया दिलशाद गार्डन , दिल्ली https://www.facebook.com/poonam.matia poonam.matia@gmail.com