हास्य व्यंग्य

हास्य व्यंग्य – लिफाफे वाली शादी

उस सरकारी अधिकारी समेत नौ लोगों पर  भी मुकदमे की तैयारी चल रही थी। मामला गंभीर होने के साथ, सरकारी विभाग का था । इसमें समाज कल्याण विभाग के बड़े अफसर भी लपेटे में आ रहे थे। और तो और  सात-आठ  लाभार्थियों पर भी मुकदमा दर्ज किया जा रहा था। जो शादीशुदा होने के बाद भी दूल्हे” के गेटअप  में सेहरा से चेहरा ढके हुए थे,और पीली  धोती पहने चुपचाप  सरकारी  मंडप   में बैठे हुए थे। , सभी को विभाग ने ही खोजा था। उनको  सरकारी मंडप  में ही रंगे हाथो पकड़ लिया गया था। षड्यंत्र  तब और पुख्ता हो गया जब पकड़े गए फर्जी दूल्हे के पैर भी  रंगे हुए मिले । मतलब वे रंगे हाथों क्या, रंगे पैरों भी पकड़े गए थे। मामले की जानकारी उच्च अधिकारी को दी जा रही थी। दूल्हा दुल्हन के फर्जी शादी  में समाज कल्याण विभाग के बड़े अफसर की भूमिका भी संदिग्ध थी। वे अपने केबिन में कभी -कभार  ही दिखाई देते थे। बड़े अफसर थे ,इसीलिए ज्यादातर दौरे में रहते थे। जब फाइलों का ढेर  लग जाता, तब दफ्तर के बड़े बाबू उनको फोन कर  इत्तिला कर देते थे  तब वे दफ्तर आकर दस्तखत करते और फिर दौरे में चले जाते।  धीरे-धीरे विभाग का  फर्जी दूल्हा -दुल्हन और सामूहिक विवाह के प्रोत्साहन राशि में घपले से संबंधित  धोखाधड़ी का मामला उजागर हो ही गया था । अब तेजी से वायरल भी हो रहा था। विभाग की सामूहिक विवाह योजना की फाइल सामने  थी।  दरअसल  सरकार की सामूहिक विवाह योजना में गजब का फर्जीवाड़ा हो गया था, शासकीय योजना के तहत सामूहिक विवाह में जो प्रोत्साहन राशि का प्रावधान था , उसमें ही गफलत थी जिसकी पड़ताल होनी थी। फर्जीवाड़ा को दबाने की कोशिश में   देरी हो चुकी  थी तब तक पहले से शादीशुदा आठ जोड़ों का सरकारी सामूहिक विवाह योजना में दोबारा शादी  भी हो चुकी थी। सबको यह कहकर लाया गया था कि बस दो घंटे के लिए दूल्हा बनो  ,दो हजार मिलेंगे। पूछताछ के दौरान बैठा हुआ गिरधारी ,बार-बार कह रहा था -हमको पैसे देने में देरी कर रहे हैं। अभी-अभी कल्लू उठकर गया है साब , उसे लिफाफे में दो हजार  दिए गए हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित किसी ने शादीशुदा बबलू को पहचान लिया था। यह तो बनवारी का लड़का है, बंशीपुर में इसकी ससुराल है। शादीशुदा है । वह बड़े बाबू के कहने पर आया था, इसके पहले के बड़े बाबू उससे  गुपचुप लेनदेन करते देते  भेद खुल गया।वह पकड़ा गया ,।बाकी उन कन्याओं से भी पूछताछ होनी थी जो दुल्हन बनी थी। ग्यारह में से आठ फर्जी दूल्हे पाए गए। पूरा समाज कल्याण विभाग लपेटे में आ रहा था । इनकी प्रोत्साहन राशि कहां गई ? सरकार के सामूहिक विवाह योजना संपन्न होने के बाद कुछ फर्जी  वधू शादी में पहनी गई अपनी लाल साड़ी  और चूड़ियां उतार कर बड़े बाबू को पकड़ा रही थी । दूल्हे का सेहरा और  सभी पीली धोतियां ,बड़े साहब के केबिन छुपा दी गई थी ।पकड़े गए तथाकथित दूल्हा -दुल्हन से लगातार पूछताछ हो रही थी। फर्जी वधू बनाकर सरकार से अवैध रूप से प्रोत्साहन राशि लेने वालों में   रमिता देवी का नाम सामने आ रहा था। उसको अभी पैसे लेने थे इसलिए वह बैठी रह गई। विभाग के कार्यक्रम प्रभारी ने उसे बुलाया था। कुछ फर्जी  दूल्हे फाइल में रखे हुए एक कागज पर हस्ताक्षर कर पहले  ही खिसक चुके थे ।, जिसको  प्रोत्साहन राशि नहीं मिली थी वह बैठे रह गए और पकड़े गए। चेहरे में सेहरा लगाये फर्जी दूल्हे बार-बार बोल रहे थे – हमको कहा गया केवल दूल्हा बनना है , दो घंटे का दो हजार मिलेगा ,सो हम आ गए । पकड़ा गया  एक फर्जी दूल्हा बार-बार बोल रहा था-  साब  मैं तो सामूहिक विवाह कार्यक्रम देखने आया था ।वहां उसे बड़े बाबू ने कहा था कि- दूल्हा बनकर बैठ जाओ तुम्हारी फोकट की कमाई हो जाएगी, नाश्ता  करायेंगे। इसी कारण वह  शादी के  पटा में  बैठ गया था।

 तब तक कुछ जागरूक नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता , एवं पत्रकार भी पंडाल में पहुंच चुके थे ।उसमें से एक ने पूछा- बड़े बाबू ने क्या बोला यह बताओ?

 सच बतलाएं साहब । हमें बड़े बाबू ने कहा था   -बस माला पहनाकर कर, सेहरा और टोपी के साथ  तुम्हारी फोटो खींचेंगे , चाहे तो काजल भी आंखों में लगा लेना  फिर  लिफाफा लेकर घर चले जाना।

 सरकारी सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े  की, ऊपर तक कंप्लेन गई ।जांच के लिए समिति बनाने का निर्देश दिया गया।  समिति ने जांच में पाया गया कि पास के ही गांव की अर्चना की शादी  तो पिछले साल जून में  बबलू के साथ हो चुकी है । कलावती और  मुनिया देवी  की भी शादी मार्च में हो चुकी है ।मानमती की शादी पिछले साल,  जवाहिर के साथ  उसके गांव लालपुर में हो चुकी है।, कल्याणी,राधा  की शादी भी तो एक वर्ष पहले ,हो चुकी है । जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका था। इस षड्यंत्र में विभाग के बड़े बाबू से ज्यादा दोषी बड़े अफसर  निकले। पूरे प्रकरण के साक्ष्य एवं दस्तावेज तैयार हो चुके थे ,उच्च कार्यालय में भेजने के लिए नोट शीट लिखा जा चुका था। ठीक उसी दिन समाज कल्याण विभाग के  वो बड़े अफसर लंबी छुट्टी में चले गए।

— सतीश उपाध्याय 

सतीश उपाध्याय

उम्र 62 वर्ष (2021 में) नवसाक्षर साहित्य माला ऋचा प्रकाशन दिल्ली द्वारा एवं नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा दो पुस्तकों का प्रकाशन कृष्णा उपाध्याय सेनानी कुटी वार्ड नं 10 मनेंद्रगढ़, कोरिया छत्तीसगढ़ मो. 93000-91563 ईमेल- satishupadhyay36@gmail.com