कविता

प्रथम नागरिक द्रौपदी मुर्मू

आजाद भारत में जन्मी द्रौपदी मुर्मू
जनजातीय समुदाय की पहली
भारतीय गणतंत्र की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
बीस जून उन्नीस सौ अट्ठावन में
मयूरभंज उड़ीसा में जन्मीं
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में चर्चित
विधायक, मंत्री, राज्यपाल पदों को शोभित किया,
पच्चीस जुलाई दो हजार बाइस को
राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया।
पति और दो बेटों को खोकर
संघर्षों भरे जीवन से लड़कर
समाज सेवा में खुद को झोंक दिया।
न हार मानी, न टूटी, न बिखरी
न खुद को बेबस, असहाय समझा
खुद के साथ महिलाओं हितों को
जीवन का आधार बनाया।
राजनीति में कदम रख
विधायक मंत्री राज्यपाल बनीं
और आज देश की प्रथम नागरिक बनी
अपनी सरलता, जुनून, संघर्ष और
अपने हौसले को बुलंद रखा
जाति, धर्म, मजहब, गरीब, निर्बलता
अनेकानेक दुश्वारियों, असुविधाओं से
अपने संघर्ष पथ को जीवन का लक्ष्य बनाया
जिसका परिणाम दुनिया के सामने आया।
सबके बड़े लोकतांत्रिक देश भारत का
राष्ट्रपति होने का जब सम्मान पाया।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921