कविता

खामोशी

खामोशी कायरता या कमजोरी की निशानी नहीं
बल्कि एक मजबूत हथियार है,
जो अच्छे अच्छों को परास्त कर देता है
सच कहूं तो घुटनों पर ला देता है।
सामने वाला कितना भी सहनशील समझदार
अड़ियल या घमंडी हो,
उसको उसकी औकात बता देता है।
खामोशी का अदृश्य हथियार इतिहास लिख देता है।
वाद विवाद और दुश्मनी की चौखट पर
शांति, सामंजस्य और समाधान के लिए
आगे आने पर मजबूर कर देता है,
धन बल, कानून, संविधान से जो मसले
हल होते नहीं दिखते,
वे खामोशी के हथियार से बड़ी आसानी से
हल कर दो प्रतिद्वन्दियों में मेल तक करा देते हैं।
घर, परिवार, पड़ोसी या समाज में
खामोशी के पाठ का
शांति, सामंजस्य और भाईचारा स्थापित करने के
उदाहरण बनते देखें जाते हैं,
क्योंकि खामोशी खामोश रहकर
अपना काम चुपचाप कर रहे हैं।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921