कविता

सूख गई संजीवनी जड़

सूख गई संजीवनी जड़

भोर किरण जो
सेवाओ से सवेरा लायी
समाज – देश उसका ऋणी
संग – साथ , जग में
खुशियों की कोहिनूर बनी
वे किरण थी अरुणा शानबाग।

लेकिन एक दिन
दुःख के मेघ मडराए
जंजीरों में बाँध के उसे
जहरीले नाग ने
लूटी उसकी लाज
बेरहमी का ये गूंगा समाज।

नीर में ढला तूफ़ान
कोमा तम में छायी प्रात
रिस्ते रहे साँसों के घाव
झेले चार दशक दो साल
तन – मन का अशक्त पड़ाव
घर वालों ने छोड़ा साथ।

मानवता के मसीहे
हुए उसके अपने
करने लगे उसका
जीवन रोशन
संवारते कई हाथ
करे पूरा देश गुमान।

लेकिन कह न पाई
अपनी व्यथा – कथा
पतझड़ी जीवन तरु से
धीरे – धीरे झड़ी सारी पत्तियां
सूख गई संजीवन से संजीवनी जड़
लेकर अंतिम साँस।

मंजु गुप्ता

जन्म : २१. २. १९५३ , ऋषिकेश , उत्तरांचल शिक्षा : एम.ए ( राजनीति शास्त्र ) , बी.एड शिक्षण : हिंदी शिक्षिका, जयपुरियार सीबीएससी हाईस्कूल, सानपाड़ा नवीमुंबई संप्रति : सेवा निवृत मुख्य अध्यापिका , श्री राम है स्कूल , नेरूल , नवी मुंबई। कृतियाँ :प्रांतपर्वपयोधि काव्य,दीपक नैतिक कहानियाँ,सृष्टि खंडकाव्य,संगम काव्य अलबम नैतिक कहानियाँ , भारत महान बालगीत सार निबंध,परिवर्तन कहानियाँ। प्रेस में : जज्बा ( देश भक्ति गीत ) रुचियाँ : बागवानी , पेंटिंग , प्रौढ़ शिक्षा और सामाजिकता प्रकाशन : देश - विदेश की विभिन्न समाचारपत्रों ,पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। उपलब्धियां : समस्त भारत की विशेषताओं को प्रांतपर्व पयोधि में समेटनेवाली प्रथम महिला कवयित्री , मुंबई दूरदर्शन से सांप्रदायिक सद्भाव पर कवि सम्मेलन में सहभाग , गांधी जीवन शैली निबंध स्पर्धा में तुषार गांधी द्वारा विशेष सम्मान से सम्मानित , माॅडर्न कॉलेज वाशी द्वारा सावित्री बाई फूले पुरस्कार से सम्मानित , भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान द्वारा प्रीत रंग में स्पर्धा में पुरस्कृत , आकाशवाणी मुंबई से कविताएँ प्रसारित , विभिन्न व्यंजन स्पर्धाओं में पुरस्कृत, दूरदर्शन पर अखिल भारतीय कविसम्मेलन में सहभाग । सम्मान : वार्ष्णेय सभा मुंबई , वार्ष्णेय चेरिटेबल ट्रस्ट नवी मुंबई , एकता वेलफेयर असोसिएन नवी मुंबई , मैत्री फाउंडेशन विरार , कन्नड़ समाज संघ , राष्ट्र भाषा महासंघ मुंबई , प्रेक्षा ध्यान केंद्र , नवचिंतन सावधान संस्था मुंबई कविरत्न से सम्मानित , हिन्द युग्म यूनि कवि सम्मान , राष्ट्रीय समता स्वतंत्र मंच दिल्ली द्वारा महिला शिरोमणी अवार्ड के लिए चयन आदि। संपर्क :19, द्वारका, प्लॉट क्रमांक 31, सेक्टर 9A वाशी, नवी मुंबई400703 भारत . फोन : 022 - 27882407 / 09833960213 ई मेल : [email protected]

2 thoughts on “सूख गई संजीवनी जड़

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत अच्छी श्रृद्धांजलि !

    • मंजू गुप्ता

      aabhaar vijay ji

Comments are closed.