चंद हाइकु
जब तक हम अपनी सहन शक्ति का प्रदर्शन करते रहेंगे तब तक मेरे ये हाइकु ज़िंदा रहेंगे —
1
भारत वासी
शान्ति के पुजारी हैं
रहेंगे चुप
2
ज़ुल्म सहना
हमारी आदत है
ढाते रहो जी
3
आतंकी बाज़
कर गए शिकार
कबूतर का
4
हाथ मिलाया
दोस्ती का जब जब
चुभन हुई
**** नमिता राकेश
प्रिय सखी नमिता जी, बहुत सुंदर.
बहुत बहुत सुन्दर हाइकु.
धन्यवाद विजय जी
सुंदर प्रयास
धन्यवाद राज किशोर जी
आपके इन हाइकु में सत्यता झलक रही है आदरणीया सुंदर!!
Tधन्यवाद रमेश जी। देश की चुप्पी पर मन खिन्न है। सहने की कोई पराकाष्ठा होती है क्या?
हम तो बस अपनी कलम ही चला सकते हैं। जिनके हाथ में ताकत है वो चुप क्यों हैं, देश के गद्दारों को सज़ा क्यों नहीं देते?