कविता

हंसगुल्ले !

भागा रे भागा रे देखो दारु बाला
कर गया हाय कैसा घोटाला ।

ओवेसी के मुँह पर लग गया ताला
मीडिया जपेगी इसकी माला ।

जे एन यू का निकला दीवाला
मुँह कर दिया किसने काला ।

शशि गरूर के बोल आला
भेजे पर लग गया ताला ।

राहुल का कोई नहीं साला
गोरियाँ जप रही हैं माला ।

….. अंशु प्रधान