यादें
तेरी यादों के
हर पल को
हर लम्हें को
हर अहसास को
हर ख्वाब को
अपने मुट्ठी में
बंद करना चाहा
पर बंद मुट्ठी से
रेत की भाँति
फिसल चला
तेरी यादों का
सारा कारवाँ
तेरी यादें भी
तेरी तरह
बेवफा निकली
— रीना मौर्य ‘मुस्कान’
तेरी यादों के
हर पल को
हर लम्हें को
हर अहसास को
हर ख्वाब को
अपने मुट्ठी में
बंद करना चाहा
पर बंद मुट्ठी से
रेत की भाँति
फिसल चला
तेरी यादों का
सारा कारवाँ
तेरी यादें भी
तेरी तरह
बेवफा निकली
— रीना मौर्य ‘मुस्कान’