गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य

ग़ज़ल

दिल में उठी दीवार गिरा क्यों नहीं देते
शिकवे गिले हैं जो भी मिटा क्यों नहीं देते
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दुनिया में अगर चैन से जीना है आपको
हर गम को अपने दिल से भुला क्यों नहीं देते
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ऐसे न कीजिये कभी बदनाम इश्क को
जो हम हैं गुनहगार सज़ा क्यों नहीं देते
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कुछ भी न सूझता है बड़ी कशमकश सी है
है आपको खबर तो बता क्यों नहीं देते
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चर्चा हुआ है आम यहां बेवफाई का
वादे वफ़ा भी आप निभा क्यों नहीं देते
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नफरत की गिरा कर अजी दीवार फिर से अब
घर उल्फतों का दिल में बना क्यों नहीं देते
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मरते रहें हैं रोज़ ही बेमौत यहाँ पर
मैयत हमारी आज उठा क्यों नहीं देते

रमा प्रवीर वर्मा

रमा वर्मा

श्रीमती रमा वर्मा श्री प्रवीर वर्मा प्लाट नं. 13, आशीर्वाद नगर हुड्केश्वर रोड , रेखानील काम्प्लेक्स के पास नागपुर - 24 (महाराष्ट्र) दूरभाष – ७६२०७५२६०३