कविता

बाल कविता

गरम समोसा
गरम जलेबी
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पापा – पापा मोटूराम हलवाई की दुकान पर
हमको ले जाओ
गरम समोसा
गरम जलेबी
हमें खिलाओ ||

पापा – पापा देखो – देखो
गोल – मटोल
कितने सुघड़ समोसा
लच्छेदार रसभरी
जलेबी लाल – लाल ||

पापा – पापा हमें दिलाओ,
मत कोरी बातों से हमको बहकाओ |
चलो – चलो पेटभर खाओ और खिलाओ ||

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111