लघुकथा

मेरी क्षति

गत रात की आँधी-तूफान ने मिट्टी के घर गिरा दिए, टीन के घरों को उड़ा दिए । पक्के मकानों की वेंटिलेशन को तोड़कर पानी सोते के ऊपर उड़ेल दिए ! खेतों में लगे फसल यथा- गेहूँ, मकई आदि और कटे फसल को तबाह कर दिए । कई हजार पेड़ों को उजाड़ दिए, तो बिजली के तारों और खम्भों को तहस-नहस कर दिए ! पूर्णिया प्रमंडल में 10-15 घण्टे बिजली गायब रही । एक तो कोरोना कहर के कारण लॉकडाउन है, दूजे आँधी-तूफान यानी एक तो नीम तीता, दूजे करेला चढ़ाय । अगर महामारी में इस तूफान की दुःखद स्थितियों को देखिए तो एक और कहावत चरितार्थ होती है यानी कोढ़ में खाज । मेरी भी क्षतियाँ हुई हैं…..

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.