कविता

अरे वाह ! यह है क्या ?

अगर भारत सरकार
सबको घर में बंद
करवा सकते हैं,
पूजा-पाठ रुकवा सकते हैं,
तो जाति कुप्रथा को
खत्म क्यों न करा सकते ?
क्या पिछड़ी जातियों की पार्टी
और एससी एसटी पार्टी को लेकर
जातिवादी सीएम की
कल्पना से दूर हम
क्यों नहीं जा सकते हैं ?
अगर नहीं,
तो उधर क्यों
दिमाग लगाऊँ ?
किस मुँह से
विशेष राज्य का दर्ज़ा
माँग रहे हो प्यारे !
जब शिक्षकों के
विशेष वेतन के लिए
कोर्ट में जाकर
अड़ंगा लगा दिए सरकार !
धौनी है, तो राह है !
रोहित है, तो चाह है !
विराट है, तो याह है !
टीम इंडिया है,
तो वाह है !
सावन की पहली
सोमवारी
इसलिए दिल में
श्रद्धा रखिये,
क्योंकि देह लिए
अब भी है महामारी !
उस विद्युत सब-स्टेशन के
चालू हुए 6 वर्ष पूर्ण,
पर बिजली तो कटी रहती है !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.