कविता

भावों संग होली के रंग

होली रंगों का त्योहार है
आपस में मिलने जुलने
शिकवा शिकायतें मिटाने का
गुझियों संग मिठास बाँटने का
खूबसुरत होली त्योहार है।
इसे हुड़दंग का अवसर न बनाएं
किसी को नुकसान न पहुँचाएं,
किसी का दिल न दुखाएं
जबरन रंग न लगाएं
बीमारों बुजुर्गों का भी ख्याल करें,
रिश्तों की मर्यादा में रहकर
होली का खूब रंग भरें।
किसी को नुकसान न पहुंचे
किसी का दिल न टूटे
हर किसी के साथ शालीनता संग
होली के रंगों की फुहार करें।
पर्व, त्योहार खुशियां लेकर आते हैं,
इसका भी हम सब मान करें
त्योहारों में सबका यथोचित सम्मान करें।
होली में रंगों से ही नहीं
भावों से भी सराबोर करें
रंगों संग होली का दोस्तों
कुछ ऐसा ही हुड़दंग करें,।
प्रेम, प्यार भाईचारे का आपस में रंग बिखरे
हर एक चेहरे पर
होली की रंग बिरंगी मुस्कान हो
सब मिल ऐसा जतन करें,
हर किसी के जीवन में
होली संग खुशियों के रंग भरें।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921