कविता

गीत कोई मैं गाऊं

मन करता है

काव्य-मंच पर

गीत कोई मैं गाऊं

स्नेह-प्रेम के गीत सुनाकर

प्रेम का अलख जगाऊं

ज्ञान-ध्यान के गीतों से मैं

खुद को भी समझाऊं

सुख-दुःख में सम रहने की

कला सीख अपनाऊं

भेद की टूटें दीवारें मैं

ऐसा कुछ लिख पाऊं

आनंद का लहराए सागर

मैं उसमें रम जाऊं

मन करता है

काव्य-मंच पर

गीत कोई मैं गाऊं,

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244