है अब भी याद
वो पूनम की रात है अब भी याद।
था दरमियाँ वो अनोखा एहसास।
न तुमने कहा, न कुछ हमने कहा।
फिर भी निगाहों से हुई थी बात।
वो झिलमिल सितारों की बारात,
जादू चांद का और वो जज़्बात,
पल में बदल गई कैसे ज़िन्दगी ये,
बस इक तुम्हारे यूँ आने के बाद।
वो पूनम की रात………..
आती कहाँ रोज़ ये पूनम की रात,
चमकता न नीला आकाश यूँ हर रात,
मिलता कहाँ प्यार जीवन में हर बार,
कभी होती है मुलाकात किसी से खास।
इसलिए वो पूनम की रात……..
— कामनी गुप्ता