जागरूकता के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी
लोकतंत्र का आधार मतदान है और युवा इस आधार को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस दिन का उद्देश्य नागरिकों में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना, मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना और मतदान प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करना है। हमारे देश में युवा आबादी काफी बड़ी है। ऐसे में युवाओं को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करना अत्यंत जरूरी है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस युवाओं को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह उन्हें लोकतंत्र में भागीदार बनने, समाज में सक्रिय भूमिका निभाने और देश के विकास में योगदान देने का मौका देता है।
इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि यह लोकतंत्र के 75 वर्ष पूरे होने के वर्ष में मनाया जा रहा है। भारत में यह दिन हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है, जो भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना का दिवस भी है। 25 जनवरी, 2025 को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय मतदाता दिवस देश के हर नागरिक, विशेषकर युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
लोकतंत्र की सफलता का आधार स्वतंत्र, निष्पक्ष और सक्रिय मतदान है। जब अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं, तभी एक सच्चा लोकतंत्र फल-फूल सकता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को मतदान के महत्व, मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया, दिव्यांगजन सहित सभी वर्गों के लिए मतदान की सुविधाओं आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। इस दिन युवाओं को विशेष रूप से संबोधित किया जाता है और उन्हें मतदान के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।
मतदान एक कानूनी अधिकार है, और यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है। भारत में, मतदान से संबंधित सभी गतिविधियों को चुनाव आयोग द्वारा नियंत्रित किया जाता है। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है जो निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। भारत में 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार प्राप्त होता है। सभी योग्य मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज होते हैं। मतदान एक गुप्त प्रक्रिया है। कोई भी यह नहीं जान सकता कि आपने किस उम्मीदवार को वोट दिया है।
शिक्षक छात्रों को लोकतंत्र के मूल्यों, मतदान का महत्व बताने के साथ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बना सकते हैं। शिक्षक स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वाद-विवाद, निबंध लेखन प्रतियोगिताएं, नाटक, पोस्टर प्रदर्शन आदि आयोजित कर सकते हैं। छात्रों के बीच मॉक पोल का आयोजन कर उन्हें वास्तविक मतदान प्रक्रिया से परिचित कराया जा सकता है। विशेषज्ञों को आमंत्रित कर सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा सकता है, जिसमें छात्रों को मतदान के महत्व और चुनौतियों के बारे में जानकारी दी जाए। शिक्षक चुनाव आयोग के साथ मिलकर छात्रों को मतदाता पहचान पत्र बनवाने में मदद कर सकते हैं। इससे छात्र अपने मताधिकार का सही तरीके से प्रयोग करेंगे और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में योगदान देंगे।
युवाओं को यह समझाना होगा कि लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें हर नागरिक के पास अपनी सरकार चुनने का अधिकार होता है। मतदान इसी अधिकार का प्रयोग करने का एक तरीका है। युवाओं को यह बताना चाहिए कि वे अपने मतदान के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। वे ऐसे नेताओं को चुन सकते हैं जो उनके मुद्दों को समझें और उनके लिए काम करें। उन्हें ऐसे नेताओं को चुनना चाहिए जो देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध हों। युवाओं को यह समझाना होगा कि मतदान एक जिम्मेदारी भी है। उन्हें अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए और मतदान करके इसे निभाना चाहिए।
अंत में, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि मतदान केवल चुनाव के दिन तक सीमित नहीं है। हमें अपने प्रतिनिधियों के काम पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें उनके वादों को पूरा करने के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए। राष्ट्रीय मतदाता दिवस हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि लोकतंत्र की मजबूती हमारे हाथों में है।
— विजय गर्ग