सामाजिक

परिवर्तन ही प्रगति का आधार है,

परिवर्तन एक ऐसी प्रक्रिया है जो हमारे अंदर से शुरू होती है। यह हमारे विचारों, भावनाओं और आदतों में बदलाव लाने से शुरू होती है। जब हम अपने अंदर परिवर्तन लाते हैं, तो हमारे बाहरी जीवन में भी परिवर्तन होता है।
यह उद्धरण महात्मा गांधी के शब्दों से प्रेरित है: “बाहरी परिवर्तन के लिए पहले अंदर से परिवर्तन लाना होता है।”
परिवर्तन के लिए आवश्यक है,आत्म-जागरूकता,अपने विचारों, भावनाओं और आदतों को समझना।
आत्म-मूल्यांकन,अपने जीवन में परिवर्तन की आवश्यकता को पहचानना।
आत्म-निर्णय,परिवर्तन के लिए निर्णय लेना।
आत्म-प्रयास,परिवर्तन के लिए प्रयास करना।आत्म-धैर्य,परिवर्तन की प्रक्रिया में धैर्य रखना।
परिवर्तन के द्वार को अंदर से खोलने के लिए, हमें अपने आप को बदलने की आवश्यकता है। यह एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन इसके परिणाम बहुत ही सकारात्मक हो सकते हैं।
परिवर्तन ही प्रगति का आधार है, क्योंकि यह हमें नई चुनौतियों का सामना करने, नई अवसरों को प्राप्त करने, और नई ऊंचाइयों को छूने का मौका देता है।
परिवर्तन से हम,नई जानकारी प्राप्त करते हैं।,नई क्षमताएँ विकसित करते हैं।नई चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करते हैं।अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ते हैं।अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।
परिवर्तन के बिना, हम,स्थिरता में फंस जाते हैं।प्रगति की गति धीमी हो जाती है।नई अवसरों को छोड़ देते हैं।अपने लक्ष्यों से पीछे रह जाते हैं।
अपने जीवन में नकारात्मकता का शिकार हो सकते हैं।
इसलिए, परिवर्तन ही प्रगति का आधार है, और हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
कुछ प्रसिद्ध उद्धरण जो परिवर्तन के महत्व को दर्शाते हैं,

  • “परिवर्तन ही जीवन का नियम है।” – महात्मा गांधी
  • “परिवर्तन के बिना प्रगति नहीं हो सकती।” – अल्बर्ट आइन्स्टाइन
  • “परिवर्तन ही सफलता की कुंजी है।” – स्टीव जॉब्स।

— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह सहज़

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,

Leave a Reply